आ गया Income Tax Return भरने का टाइम, क्या अब चेंज कर पाएंगे आप अपना Tax Regime? जानें सही-सही जवाब
Tax Regimes 2024: CBDT की ओर से FY 2023-24 (AY 2024-25) के लिए जारी किए गए ITR Forms में आपसे टैक्स रिजीम चुनने के लिए विकल्प चुना जाएगा. इसमें आपसे पूछा जाएगा कि क्या आप सेक्शन 115BAC(6) के तहत न्यू टैक्स रिजीम से बाहर जाना चाहते हैं?
Tax Regimes 2024: टैक्सपेयर्स के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने का टाइम शुरू हो चुका है. 1 अप्रैल से ही ITR Forms ऑनलाइन इनेबल हो चुके हैं. टैक्सपेयर्स को पता ही होगा कि इस फाइनेंशियल ईयर से नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) ही डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बन चुकी है. टैक्सपेयर्स के सामने ये विकल्प चुनने में समस्या आ सकती है कि वो कौन सा टैक्स रिजीम (How to choose tax regime) चुनें. और अगर टैक्स रिजीम चुन भी लिया तो ये सवाल आ सकता है कि क्या अब आपके पास टैक्स रिजीम चुनने का वक्त है या नहीं.
कैसे चेंज करें टैक्स रिजीम? (How to change Tax Regime)
सबसे पहली बात तो आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त भी अपना टैक्स रिजीम चुन सकते हैं. CBDT की ओर से FY 2023-24 (AY 2024-25) के लिए जारी किए गए ITR Forms में आपसे टैक्स रिजीम चुनने के लिए विकल्प चुना जाएगा. इसमें आपसे पूछा जाएगा कि क्या आप सेक्शन 115BAC(6) के तहत न्यू टैक्स रिजीम से बाहर जाना चाहते हैं? अगर आप NO का ऑप्शन चुनते हैं तो आपका टैक्स न्यू रिजीम के तहत कैलकुलेट होगा, YES चुनने पर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल कर पाएंगे. हालांकि, यहां बता दें कि टैक्स रिजीम चेंज करने के लिए बिजनेस इनकम वालों के लिए अलग नियम हैं. अगर वो YES का ऑप्शन चुनते हैं तो उन्हें इसके लिए आईटीआर भरने से पहले Form10-IEA भरना होगा.
अगर पहले टैक्स रिजीम चुनी थी तो क्या करें?
अगर आपने अपने इंप्लॉयर को इन्वेस्टमेंट प्रूफ देते टाइम TDS कैलकुलेशन के लिए एक टैक्स रिजीम चुन ली थी, और अब दूसरी रिजीम चुनना चाहते हैं तो भी आपके पास ये विकल्प है. आपने एक वित्तवर्ष में टैक्स कैलकुलेशन के लिए जो भी संभावित टैक्स रिजीम चुना हो, आईटीआर फाइल करते वक्त आप उसे बदल सकते हैं.
कौन-कौन, कितनी बार बदल सकता है टैक्स रिजीम? (Who can change Tax Regime)
'बिजनेस इनकम' रखने वालों यानी जिन टैक्सपेयर्स की इनकम किसी बिजनेस से आती है, उनके पास ये ऑप्शन एक ही बार मिलेगा कि वो टैक्स रिजीम स्विच कर सकें. तो इसका क्या मतलब हुआ? इसका मतलब ये हुआ कि बिजनेस के जरिए इनकम न कमाने वालों के पास टैक्स रिजीम स्विच करने का ऑप्शन मिलता रहता है. वो हर साल अपना रिजीम स्विच कर सकते हैं.
बिजनेस इनकम रखने वालों को टैक्स रिजीम स्विच (Switching tax regime) करने का मौका एक ही बार मिलता है. वो हर नए वित्तवर्ष में टैक्स रिजीम नहीं बदल सकते. लेकिन इसके उलट सैलरीड प्रोफेशनल और पेंशनर्स के पास ये विकल्प होता है कि हर फाइनेंशियल ईयर में वो अपना टैक्स रिजीम स्विच कर सकें.
यानी कि अगर आप सैलरी पाते हैं या फिर पेंशनभोगी हैं और पिछले साल आपने नए टैक्स रिजीम (new tax regime) में टैक्स भरा था, तो आप इस साल अपनी सुविधा के हिसाब से पुराना टैक्स रिजीम चुन (choose tax regime) सकते हैं. उसके बाद आपके पास ये ऑप्शन रहेगा कि अगले साल आप फिर नया टैक्स रिजीम चुन सकें. यानी कि आप हर साल अपना टैक्स रिजीम (New Vs Old Tax regime) स्विच कर सकते हैं.