TDS Calculation: सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद कर रहे हैं प्राइवेट जॉब? जानिए सैलरी पर कितना कटेगा टीडीएस
मान लीजिए कि आप सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं. और अब आप प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रहे हैं. आपकी उम्र 60 साल से ऊपर हैं. तो आपके ऊपर टीडीएस का क्या नियम लागू होगा? जानिए.
आपके इनकम के सोर्सेज़ चाहे ज्यादा हों या कम, अगर आपकी कुल आय टैक्सेबल है यानी टैक्स के दायरे में आती है तो आपको टैक्स भरना होगा, टैक्सेशन का यह थंब रूल है. हां, कुछ रिबेट जरूर मिल सकता है. वहीं, TDS यानी कि tax deducted at source को लेकर भी कुछ नियम हैं, जो आपकी टैक्सेबल आय पर लागू होते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 192 के तहत आपका एम्पलॉयर आपकी सैलरी पर टीडीएस काटता और सरकार के पास जमा कराता है. इसका जिक्र Form-16 में होता है. अलग-अलग सिनेरियो में अलग-अलग रूल हैं.
अब मान लीजिए कि आप सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं. और अब आप प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रहे हैं. आपकी उम्र 60 साल से ऊपर हैं. तो आपके ऊपर टीडीएस का क्या नियम लागू होगा?
टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्ढा ने बताया कि ऐसे टैक्सपेयर पर भी जो जनरल टैक्सेशन का रूल होगा वो लागू होगा. अगर वो फुल-टाइम सैलरीड इंप्लॉई हैं तो उनकी सैलरी पर एक साल का जितना टैक्स बनता है, जैसे कि मान लीजिए 1 लाख का टैक्स बनता है, तो उसे 12 से डिवाइड कर लेंगे, जिससे हर महीने का टीडीएस निकल जाएगा, ये उनकी हर महीने की सैलरी से कटता रहेगा. आपको इसके लिए अलग से टैक्स नहीं भरना होगा. बस आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा.
* अगर फुल-टाइम इंप्लॉई नहीं, कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं तो?
अगर वो कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करते हैं तो उनकी सैलरी पर फ्लैट 10% टीडीएस कटेगा, चाहे आपका टैक्स कितना भी बनता हो, इसपर सीधा 10 पर्सेंट टीडीएस कटेगा, क्योंकि यह उनके बिजनेस इनकम की तरह देखा जाएगा. मान लीजिए कि उनकी इनकम 30% टैक्स ब्रेकेट में आती है, तो वो 20% टैक्स भर देंगे. अगर उनकी इनकम टैक्सेबल नहीं बन रही है, लेकिन 10% कट गया है, तो वो रिफंड हो जाएगा.
* सैलरी पर कब नहीं कटेगा टीडीएस
अगर सैलरी टैक्सेबल ब्रेकेट से नीचे आएगी, तो आपको टीडीएस नहीं भरना होगा. अगर टैक्सेबल सैलरी 5 लाख से नीचे है, तो आपको सेक्शन 87A के तहत रिबेट मिल जाएगा. सेक्शन 194C के तहत TDS तब नहीं कटता है, जब आपका एक साल में 1 लाख या सिंगल पेमेंट में अमाउंट 30,000 से नीचे हो.
* अगर सीनियर सिटीजन हैं तो
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप सीनियर सिटीजन हैं या नहीं. अगर आप कॉन्ट्रैक्चुअल इंप्लॉई हैं तो 10 पर्सेंट टीडीएस भरना होगा. अगर फुल टाइम इंप्लॉई हैं तो आपकी टैक्सेबल सैलरी के हिसाब से टीडीएस भरना होगा.
* दूसरे इनकम सोर्सेज़ पर लगने वाला टैक्स भी होगा कैलकुलेट
आपकी सैलरी पर जो टीडीएस का नियम होगा वो तो लागू होगा ही, इसके अलावा आपको अपने दूसरे आय स्रोत से हो रही आय पर जो टैक्स बन रहा है, उसे भी मिलाकर टैक्सेबल आय देखनी होगी. जैसे कि मान लीजिए आपकी सैलरी 4.5 लाख है, तो इसपर टैक्स नहीं कटेगा, लेकिन दूसरे आय को मिलाकर अगर यह 5 लाख से ऊपर जाता है तो आपको टोटल इनकम पर टैक्स भरना होगा.
* एडवांस टैक्स का क्या रोल होगा
अगर आप सैलरी इंप्लॉई हैं तो आपको अलग से एडवांस टैक्स जमा नहीं कराना होता है, आपका टीडीएस कट रहा है, अलग से भरने की जरूरत नहीं है. अगर आप कंसल्टेंट हैं और 30 पर्सेंट टैक्स ब्रेकेट में हैं तो आपको एडवांस टैक्स जमा कराना होगा.
अगर आप सीनियर सिटीजन हैं, तो यूं तो आपको टीडीएस नहीं भरना होगा, लेकिन अगर आप कॉन्ट्रैक्चुल इंप्लॉई हैं तो आपको इसपर 10 पर्सेंट का टीडीएस भरना होगा क्योंकि यह आपकी बिजनेस इनकम होगी.