Tax Saving Techniques: हर टैक्सपेयर को हर साल अपने इनकम पर टैक्स भरना होता है. आपको सरकार को बताना होता है कि आपने साल में भर कमाई कहां-कहां से की है और आपको कितना टैक्स भरना होगा. लेकिन अच्छी बात है कि आपको इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है, यानी कि अगर आप कुछ शर्तें पूरी करते हैं तो आपको टैक्स रिबेट और छूट मिल सकती है. आप अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के जरिए भी टैक्स सेविंग्स कर सकते हैं. इसके साथ ही आप कुछ स्मार्ट चॉइसेज़ के साथ भी टैक्स बचा सकते हैं. आइए जानते हैं टैक्स सेविंग्स के कुछ तरीके.

1. टैक्स सेविंग्स टूल में निवेश करने का है ऑप्शन

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इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत, सरकार आपको कुछ निवेश के टूल्स देती है, जिसमें निवेश करने पर आपको टैक्स में छूट मिल जाती है, इसके साथ ही उस निवेश का फायदा मिलता है. अगर इन योजनाओं में आप निवेश करते हैं तो आपको 1.5 लाख तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है.

tax-saving methods for investment in 2022:

  • पब्लिक प्रोविडेंड फंड
  • इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड
  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
  • नेशनल पेंशन सिस्टम
  • सुकन्या समृद्धि योजना
  • सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम
  • 5 साल या इससे ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट

हेल्थ इंश्योरेंस पर भी मिलती है छूट

अगर आप अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो भी आपको टैक्स में छूट मिलेगी. आईटी एक्ट के सेक्शन 80D के तहत अगर एक टैक्सपेयर अपने, अपने परिवार और अपने बच्चों के लिए 25,000 रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भर रहा है तो उसे टैक्स में छूट मिलती है. अभिभावकों को भी जोड़ लिया जाए, तो एक्स्ट्रा 50,000 रुपये की और छूट मिल सकती है. सीनियर सिटीजंस इस शर्त के तहत 50,000 तक टैक्स बचा सकते हैं.

होम लोन पर टैक्स छूट का फायदा

अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आप इसके मूलधन और इंटरेस्ट के अमाउंट पर टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 24 के तहत आपको होम लोन इंटरेस्ट पर 2 लाख तक की छूट और होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख तक की छूट मिल जाएगी.

अपने लिए सही टैक्स स्लैब चुनिए

अभी आपको दो टैक्स स्लैब के ऑप्शन मिलते हैं. आपको ये देखना चाहिए कि आपके लिए ज्यादा किफायती कौन सा स्लैब है. जो नया टैक्स रिजीम है, उसमें टैक्स रेट कम हैं, लेकिन इसमें डिडक्शन का ऑप्शन नहीं मिलता है. इसलिए अगर आप सेक्शन 80C के तहत छूट चाहते हैं तो आपको पुरानी टैक्स स्लैब में आईटीआर भरना होगा.

टाइम पर आईटीआर फाइल करना भी सही कदम

सही वक्त पर टैक्स भरना भी आपकी जेब का बोझ कम करता है. आपको कायदे से हर साल 31 जुलाई या जो भी आईटी डिपार्टमेंट की ओर से डेडलाइन रखी गई है, उसके पहले अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर लेना चाहिए. इसके बाद आईटीआर भरने पर आपको अच्छा खासा जुर्माना देना पड़ता है.

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