नौकरीपेशा लोगों के लिए लाइफ की तमाम जरूरतों को पूरा करना आसान नहीं होता. अपनी सैलरी से ही उन्‍हें घर की सभी जरूरतें पूरी करनी होती हैं. इसी सैलरी से रिटायरमेंट प्‍लानिंग भी होती है और अच्‍छा खासा पैसा टैक्‍स में भी जाता है. बाकी जरूरतों को तो कम नहीं किया जा सकता, लेकिन टैक्‍स को बचाने की कोशिश में हर Salaried Person रहता है. अगर आप भी नौकरीपेशा वाले हैं तो यहां जानिए टैक्‍स सेविंग्‍स के ऐसे तरीके जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

EPF

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नौकरीपेशा लोगों की सैलरी का एक हिस्‍सा EPF खाते में जाता है. इस पर Section 80 C के तहत आपको पीएफ अकाउंट में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिल सकती है, लेकिन ज्‍यादातर लोगों का ये अमाउंट 1.5 लाख तक होता ही नहीं है. ऐसे में आप VPF (Voluntary Provident Fund) के जरिए पीएफ में अपने योगदान को बढ़ा सकते हैं. वीपीएफ में आपको पीएफ के समान ही फायदे मिलते हैं. ऐसे में आपका अच्‍छा खासा अमाउंट भी इकट्ठा हो जाएगा और टैक्‍स में भी छूट मिल जाएगी.

NPS

नौकरीपेशा लोगों को अपनी सैलरी से ही रिटायरमेंट फंड भी इकट्ठा करना होता है. ऐसे में आप नेशनल पेंशन स्‍कीम (National Pension Scheme- NPS) में निवेश कर सकते हैं. एनपीएस एक लंबी अवधि का निवेश प्‍लान है. इसमें निवेश करने पर रिटायरमेंट की उम्र में आपको एक बड़ा फंड एकमुश्‍त मिलता है. साथ ही आपकी एन्‍युटी की रकम और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर मंथली पेंशन मिलती है. इसके अलावा एनपीएस में सेक्शन 80 CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए की अतिरिक्त टैक्‍स छूट ले सकते हैं.

HRA

अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance- HRA) के जरिए टैक्‍स में छूट ले सकते हैं. लेकिन टैक्‍स छूट कितनी मिलेगी, ये तीन तथ्‍यों पर निर्भर करता है. पहली कंपनी की ओर से मिली पूरी रकम, दूसरी आपकी सैलरी (basic+DA) का 40% या 50% और तीसरी वास्‍तविक किराया भुगतान - आपकी सैलरी का 10%. इन तीनों का हिसाब लगाने पर जिसमें भी सबसे कम रकम निकलती है, उसे आप टैक्‍स छूट के तौर पर इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

Life Insurance

लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी के जरिए भी आप टैक्‍स में छूट ले सकते हैं. लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी न सिर्फ मुश्किल समय में आपके परिवार को मदद देती है, बल्कि इनकम टैक्स एक्ट के section 80C के तहत आप इसमें टैक्‍स में छूट का फायदा भी ले सकते हैं.

Home Loan

अगर आपने अपने लिए मकान, जमीन या फ्लैट वगैरह खरीदने के लिए बैंक से लोन लिया है तो आप होम लोन के लिए ली गई राशि और इस पर लगने वाले ब्‍याज, दोनों पर टैक्‍स छूट ले सकते हैं. होमलोन की मूल राशि के 1.5 लाख रुपए सालाना पर आप टैक्स छूट ले सकते हैं, वहीं Section 24 के तहत मूलधन पर लगने वाले 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट ले सकते हैं.

PPF

पीपीएफ अकाउंट के तहत भी आपको टैक्‍स में छूट मिल जाती है. ये अकाउंट 15 सालों के लिए खोला जाता है. इसमें निवेश के साथ-साथ मैच्‍योरटी पर मिलने वाला फंड और ब्‍याज की रकम टैक्‍स फ्री रहती है. लॉन्‍ग टर्म में सेफ इन्‍वेस्‍टमेंट और बड़ा फंड बनाने का यह बेहतर तरीका है. 

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