Tax on Diwali Gifts: दीवाली बस खुशियों और रोशनी का ही त्योहार नहीं, गिफ्ट्स और बोनस का भी त्योहार है, ऐसा बिल्कुल कहा जा सकता है, है ना? अधिकतर कंपनीज़ अपने सैलरीड एम्प्लॉईज़ को दीवाली पर गिफ्ट और बोनस देती हैं. दीवाली आते-आते कर्मचारियों को इस बात का इंतजार रहता है कि इस बार क्या गिफ्ट मिलेगा और कितना बोनस मिलेगा, लेकिन एक पहलू है, जिसके बारे में हम ज्यादा नहीं सोचते, वो ये कि क्या हमारे गिफ्ट पर भी टैक्स लगता है या क्या? दरअसल, यह सही है कि चाहे आपका कैश गिफ्ट हो या दीवाली पर मिला बोनस, इसपर टैक्स लगता है.

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दरअसल, इनकम टैक्स एक्ट की परिभाषा के मुताबिक, बिना किसी पर्चे या रसीद के ली गई कोई भी संपत्ति, चाहे वो कैश हो, मूवेबल प्रॉपर्टी हो या इम्मूवेबल प्रॉपर्टी हो, गिफ्ट कहलाता है और गिफ्ट पर गिफ्ट टैक्स लगता है.

आइए इसे पॉइंट्स में समझते हैं-

- ऐसा नहीं है कि आपकी ओर से रिसीव किए गए हर गिफ्ट पर टैक्स लगता है, इसमें कुछ लिमिट तय की गई है जिसके ऊपर अमाउंट जाने पर आप टैक्सेशन के दायरे में आ जाते हैं.

- इसके अलावा, करीबी परिवारजन जैसे, माता-पिता, भाई-बहन और पति-पत्नी से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 

- लेकिन कंपनी की ओर से मिला कैश गिफ्ट या बोनस टैक्स के तहत आता है. लेकिन इसपर एक लिमिट यह है कि एक सालाना साल में इसकी लिमिट 5,000 रुपये से ज्यादा नहीं जाना चाहिए. अगर आपको पूरे साल में 5,000 रुपये तक का गिफ्ट या बोनस मिला है तो आपको इसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अगर यही इससे ज्यादा हुआ तो आपको उतने अमाउंट पर टैक्स भरना होगा.

- यह समझ लीजिए कि आपकी कंपनी जो आपको दीवाली बोनस देती है, उसे आपकी सैलरी का हिस्सा माना जाता है और इसे टैक्स के दायरे में रखा जाता है.

- अगर दूर के रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले गिफ्ट की बात करें तो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2) के मुताबिक अगर इनकी ओर से मिले गिफ्ट की कीमत 50,000 रुपये सालाना की लिमिट से ऊपर जा रही है, तो उसपर टैक्स लगेगा. यानी कि 50,000 रुपये तक के गिफ्ट टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे. लेकिन अगर गिफ्ट का टोटल वैल्यू इससे बाहर गया, तो पूरे के पूरे वैल्यू पर टैक्स लगेगा.

 - अगर कोई इममूवेबल यानी अचल संपत्ति, जैसे कि जमीन वगैरह गिफ्ट में दी गई है, तो इसके स्टांप वैल्यू पर आपको टैक्स देना होता है. स्टांप वैल्यू 50,000 से ऊपर गया और कंजिडरेशन अगर स्टांप वैल्यू का 10% से ज्यादा रहा तो आपको इसपर टैक्स देना होगा.

- कुछ ऐसे भी गिफ्ट्स होते हैं, जिनपर कोई भी टैक्स नहीं लगता. शादी में मिले हुए गिफ्ट टैक्सेशन के दायरे में नहीं आते. वसीयत या विरासत में मिला गिफ्ट भी टैक्सेशन से बाहर रहता है. वहीं, अगर गिफ्ट देने वाली अपनी मौत की आशंका में किसी को कुछ गिफ्ट देता है तो इसपर भी रिसीवर को कोई टैक्स नहीं देना होता है.