Tax Loss Harvesting: शेयर बाजार पिछले कई हफ्तों से गिरावट देख रहा है. फरवरी का महीना शेयर मार्केट के लिए उतना अच्छा नहीं रहा. अदानी ग्रुप के स्टॉक्स (Adani Stocks) गिरते-संभलते नजर आए, निवेशकों का इनमें हजारों करोड़ का नुकसान हुआ. वहीं, पिछले एक हफ्ते में वेदांता का शेयर (Vedanta Share Price) भी डांवाडोल दिखा है. ऐसे में निवेशकों के सामने बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि गिरते बाजार में पोजीशन होल्ड करें या बेचकर निकलें. खैर, वो तो बात रही इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी की. लेकिन आज हम बात कर रहे हैं बाजार में हुए नुकसान पर टैक्स बचाने की, जिसे Tax Loss Harvesting कहते हैं. यह स्टॉक्स में हुए नुकसान पर आपकी कुछ भरपाई कर सकता है और आपके बड़े काम आ सकता है. हम पहले इक्विटी पर टैक्सेशन (Equity Taxation Rules) और फिर टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग को समझेंगे और जानेंगे कि लॉस हार्वेस्टिंग कैसे होती है और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं.

इक्विटी में निवेश पर देना पड़ता है Capital Gain Tax

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जब भी आप इक्विटी यानी शेयर में निवेश करते हैं तो आपको उसपर कैपिटल गेन यानी पूंजीगत लाभ होता है. इसपर आपको कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) देना होता है. आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) देना होगा या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG), ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितने वक्त तक उसमें निवेश किया. पहले इक्विटी बेचकर हुई कमाई पर आपको LTCG नहीं देना होता था, ये पूरी तरह टैक्स फ्री था, लेकिन 2018 के बजट के बाद से इसपर नियम बदल गए. अब आपको 1 लाख से ऊपर LTCG पर 10% टैक्स (without indexation) देना पड़ता है. वहीं STCG पर टैक्स रेट 10% है.

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क्या होती है Tax Loss Harvesting?

अगर मोटा-मोटी शब्दों में कहें तो आप स्टॉक्स में हुए नुकसान को फायदे के सामने (offsetting loss against gain) दिखाकर टैक्स बचा सकते हैं. इसे ही टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग कहते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर को शेयर बाजार में किसी स्टॉक में नुकसान हुआ है, तो वो उसे बेचकर कैपिटल गेन टैक्स पर अपनी टैक्स लायबिलिटी घटा सकता है. आप STCG और LTCG दोनों पर ही टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग कर सकते हैं. लेकिन आमतौर पर ज्यादा हार्वेस्टिंग STCG पर ही होती है क्योंकि शॉर्ट टर्म में टैक्स रेट ज्यादा है. 

क्यों मिलता है लॉस ऑफसेट करने का ऑप्शन?

एक सवाल उठता है कि आपको शेयरों में हुए नुकसान को ऑफसेट करने का फायदा मिलता क्यों है? ऐसा क्यों है कि आप अपना नुकसान दिखाकर टैक्स बचा सकते हैं? दरअसल, शेयर मार्केट में निवेश 100% रिस्क लेकर आता है. आपके पास इसकी कोई गारंटी नहीं होती है कि आपको गेन होगा ही, आपका पूरा पैसा भी डूब सकता है ऐसे में आपको सरकार रियायत देती है कि आप अपने लॉस को प्रॉफिट के सामने दिखाकर टैक्स में बचत कर सकेगी.

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कैसे काम करती है Tax Loss Harvesting?

मान लीजिए कि आपने किसी इक्विटी शेयर या इक्विटी फंड में पैसे लगा रखे हैं, लेकिन इसमें लगातार गिरावट बनी हुई है. आपका स्टॉक एवरेज बाइंग प्राइस के नीचे चल रहा है. आपको लगता है कि स्टॉक या फंड अपना वैल्यू खो चुका है और रिवावइल या रिबाउंड के आसार नहीं हैं, तो आप इसे नुकसान में ही बेच सकते हैं और फिर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing) करते हुए इस नुकसान को अपने पोर्टफोलियो में हुए कैपिटल गेन के साथ दिखा सकते हैं. इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी (reducing tax liability) घट जाएगी.

कब कर सकते हैं Tax Loss Harvesting?

आमतौर पर टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी (When to do tax loss harvesting) का इस्तेमाल फाइनेंशियल ईयर के आखिर में किया जाता है, ताकि ITR फाइल करने से पहले आप टैक्स लॉस दिखा सकें. लेकिन आप इसपर सालभर की स्ट्रेटेजी भी बनाकर चल सकते हैं.

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Tax Loss Harvesting करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

टैक्‍स एक्‍सपर्ट और ICAI (Institute of Chartered Accountants of India) के पूर्व प्रेसिडेंट वैद जैन ने कहा कि सरकार ने ये प्रतिबंध लगाया है कि आप शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को आप शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन से ही ऑफसेट कर सकते हैं.आप शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से ऑफसेट कर सकते हैं. लेकिन रिवर्स नहीं होगा क्योंकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स ज्यादा लगता है. शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को लॉन्ग टर्म गेन के अगेंस्ट सेटऑफ कर सकते हैं. यानी कि "लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को बस लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के साथ ही सेटऑफ किया जा सकता है. आप लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के साथ सेटऑफ नहीं कर सकते. वहीं शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन दोनों के साथ सेटऑफ कर सकते हैं." टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग से आपका नुकसान नहीं खत्म हो जाता, लेकिन आप टैक्स सेविंग्स करके जरूर राहत की सांस ले सकते हैं.

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