New Tax Slabs: इस साल नए टैक्स रिजीम में फाइल करना चाहते हैं ITR? एक फॉर्म से बनेगा काम, जानें कैसे स्विच कर पाएंगे
New Tax Slabs: Budget 2023 के बाद टैक्सपेयर्स के लिए काफी कुछ बदला है. इस साल अगर आप टैक्स रिजीम स्विच करेंगे तो आपको इसके लिए एक फॉर्म भरना होगा. हम आपको रिजीम स्विच करने के बारे में सबकुछ बता रहे हैं.
New Tax Slabs: द्रीय बजट- 2023 (Union Budget 2023) की घोषणाओं के बाद टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स (New Income Tax Rules) पर काफी कुछ बदला है, हां ये दूसरी बात है कि बदलाव न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को लेकर ही आए हैं. अब इस नई रिजीम में आपको 3 लाख तक की आय पर टैक्स छूट के साथ-साथ स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी फायदा मिलेगा. बजट (Union Budget 2023) में नए टैक्स रिजीम में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. सरकार ने नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट रिजीम बना दिया है और इसको अलग से प्रमुखता देने के लिए इसको और अट्रैक्टिव बनाया है. ऐसे में हो सकता है कि इस बार के वित्तीय वर्ष का ITR फाइल (ITR Filing) करने के लिए बहुत से टैक्सपेयर्स इस बार अपना टैक्स रिजीम स्विच (Switching Tax Regime) कर लें. चूंकि नए टैक्स रिजीम में टैक्स रेट कम थे, लेकिन अभी तक ऐसा कोई टैक्स बेनेफिट (Tax Benefits in new tax regime) नहीं मिलता था. इसमें बदलाव करते हुए अब सात टैक्स स्लैब से घटाकर छह कर दिए गए हैं और टैक्स छूट भी दिए जा रहे हैं. अब इस साल अगर आप टैक्स रिजीम स्विच करेंगे तो आपको इसके लिए एक फॉर्म भरना होगा. हम आपको टैक्स रिजीम स्विच करने के बारे में यहां सबकुछ बता रहे हैं.
टैक्स रिजीम स्विच कब करना होगा? (When to switch tax regime?)
आपको किसी भी वित्तवर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले ये चूज़ करना होगा कि आप किसी रिजीम के तहत टैक्स रिजीम फाइल कर रहे हैं. ITR फाइल करने से पहले आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक इंटिमेशन भेजना होगा ये बताते हुए कि आप कौन सा टैक्स रिजीम चूज कर रहे हैं. इसके लिए आपको Form 10IE भरना होता है. टैक्स रिजीम स्विच करने का ऑप्शन इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स और HUF (Hindu undevided family) के लिए उपलब्ध रहता है, जिसे फॉर्म 10IE भरकर चूज किया जा सकता है.
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टैक्स रिजीम स्विच करने की जानकारी देनी कहां होगी? (How to declare the choice between both regimes?)
अगर आप सैलरीड प्रोफेशनल हैं तो आपका एंप्लॉयर आपसे ये डेक्लेरेशन मांग सकता है कि आपको ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में से कौन सा चुनना है, जिसपर आपको ड्यू डेट से पहले डेक्लेरेशन देना होगा. आप जो भी रिजीम चुनेंगे, उसके हिसाब से आपका एंप्लॉयर आपके ऊपर बनने वाला टैक्स कैलकुलेट करेगा. लेकिन अगर आप डेक्लेरेशन नहीं देते हैं तो आपका इंप्लॉयर ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही आपकी डिफ़ॉल्ट TDS लायबिलिटी कैलकुलेट करेगा. अगर आपके इंप्लॉयर ने डेक्लेरेशन नहीं मांगा है तो इसका मतलब है कि वो पहले से चुने गए टैक्स रिजीम के तहत ही डिफॉल्ट टीडीएस लायबिलिटी को कैलकुलेट करेगा. साथ ही, वो आपको दिए जाने वाले Form16 में ये बताएगा कि उसका टैक्स किसी रिजीम के तहत कैलकुलेट किया गया है. हालांकि, दोनों ही परिस्थितियों में इंप्लॉई के पास ये ऑप्शन रहेगा कि आईटीआर फाइल करते वक्त अपना टैक्स रिजीम बदल ले.
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रिजीम चुनते और छोड़ते वक्त फाइल करना होगा Form 10IE
अगर आपको टैक्स रिजीम बदलना है तो आईटीआर फाइल करने से पहले Form 10IE के तहत डेक्लेरेशन जरूर फाइल करें. जब आप ये फॉर्म फाइल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास ये अपडेट चला जाता है कि आपने टैक्स रिजीम चेंज किया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने Form 10IE जारी कर रखा है. साथ ही अगर आप नया टैक्स रिजीम छोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको Form 10IE के तहत डेक्लेरेशन फाइल करना होगा. आपको रेलवेंट असेसमेंट ईयर में आईटीआर फाइल करने से पहले Form 10IE सबमिट करना होगा.
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Form 10IE दाखिल करने की समय सीमा (Form 10IE Time Limit)
बिजनेस इनकम रखने वाले व्यक्तियों के लिए ITR दाखिल (ITR Filing) करने की नियत तारीख से पहले, यानी 31 जुलाई या फिर इसकी तारीख बढ़ाई गई है तो उस तारीख से पहले फॉर्म 10IE दाखिल करना होता है. वहीं, सैलरीड प्रोफेशनल्स ITR फाइल करने से पहले या उसी समय Form 10IE जमा कर सकते हैं.
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