Income Tax Saving Tips 2022-23: अंग्रेज में एक मशहूर कहावत है, "A penny saved is a penny earned". यही वजह है कि समय रहते टैक्स प्लानिंग कर लेनी चाहिए. अगर आपने समय पर टैक्स प्लानिंग नहीं की तो इसका अंजाम भुगतना होगा. इनकम टैक्स एक्ट के तहत अलग-अलग सेक्शन के अंतर्गत डिडक्शन का लाभ मिलता है. हर सेक्शन की लिमिट भी अलग-अलग होती है. सेक्शन 80C टैक्स सेविंग का सबसे पॉप्युलर सेक्शन है. इस सेक्शन के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपए पर टैक्स बचाए जा सकते हैं. इसके अलावा भी टैक्स बचाने के लिए दर्जनों सेक्शन बने हैं,  जिसका फायदा ज्यादातर टैक्सपेयर्स नहीं उठा पाते हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंट गरिमा बाजपेयी (CA Garima Bajpai) सेक्शन 80सी के अलावा 5 उन सेक्शन के बारे में विस्तार से बता रही हैं जहां, टैक्स सेविंग की जा सकती है.

80D के तहत बचाएं 1 लाख रुपए

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आज के जमाने में हर किसी के लिए मेडिकल इंश्योरेंस लेना जरूरी हो गया है. अपनी कमाई के मुताबिक, अपने और परिवार के लिए पर्याप्त मेडिकल इंश्योरेंस खरीदें. सेक्शन 80 डी के तहत 1 लाख रुपए तक बचाए जा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए सेल्फ और पैरेंट्स दोनों की उम्र 60 साल से ज्यादा होना जरूरी है. अगर दोनों की उम्र 60 साल से कम है तो 50 हजार तक बचाए जा सकते हैं.

80DD के तहत 1.25 लाख रुपए बचाएं

सेक्शन 80DD के तहत 1.25 लाख रुपए तक बचाए जा सकते हैं. अगर आपके परिवार में कोई दिव्यांग है, तो उसके इलाज पर होने वाले खर्च पर इस सेक्शन के तहत लाभ उठाया जा सकता है. स्पाउस, पैरेंट्स, ब्रदर, सिस्टर में अगर कोई दिव्यांग है तो उसके इलाज पर 1.25 लाख तक टैक्स में छूट मिलेगी. डिसएबिलिटी की कंडीशन में 75 हजार तक और सीवियर डिसएबिलिटी कंडीशन में 1.25 लाख तक टैक्स बेनिफिट मिलेगा.

80DDB के तहत 1 लाख रुपए तक बचाएं

कुछ बीमारियों का इलाज करवाने पर आपको सेक्शन 80DDB  के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है, जिसकी लिमिट 1 लाख रुपए तक है. इसका फायदा सेल्फ, स्पाउस, चिल्ड्रन, पैरेंट्स और ब्रदर/सिस्टर के इलाज पर मिलता है. वैसे इसकी लिमिट 40 हजार ही है. जिसका इलाज हो रहा है, वह अगर 60 साल से ज्यादा है तो 1 लाख रुपए तक टैक्स में छूट मिलती है.

80U पर 1.25 लाख रुपए तक मिलती है छूट

अगर आप हादसे का शिकार हो जाते हैं जिसके कारण परमानेंट डिसएबिलिटी हो जाती है तो इन मामलों में सेक्शन 80U के तहत 1.25 लाख रुपए तक बचाए जा सकते हैं. डिसएबिलिटी के मामलों में इसकी लिमिट 75 हजार रुपए और सीवियर डिसएबिलिटी के मामलों में 1.25 लाख रुपए पर डिडक्शन उठाया जा सकता है.

80E के तहत इंटरेस्ट पार्ट पर मिलती है छूट

अगर टैक्सफेयर ने खुद एजुकेशन लोन लिया हो या फिर स्पाउस या  बच्चों के नाम पर यह लोन लिया गया है तो सेक्शन 80E के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसका फायदा अगले आठ सालों तक उठाया जा सकता है. इसकी अपर लिमिट नहीं है. एजुकेशन लोन की जो ईएमआई होती है उसके इंटरेस्ट पार्ट पर डिडक्शन का लाभ मिलता है.

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