Income Tax Notice: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन (ITR Filing Deadline) करीब है, ऐसे में जिन लोगों ने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है, उनकी धड़कनें जरूर तेज हो रही होंगी. इसी बीच पिछले दिनों एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चौंकाने वाली बात बताई. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में हजार-दो हजार नहीं, 1 लाख लोगों को टैक्स नोटिस थमाया है. लेकिन टैक्स नोटिस भेजे क्यों जाते हैं? और कितने तरह के होते हैं? और कहीं आप भी टैक्स नोटिस घर पर बुलवाने वाला वाला काम तो नहीं कर रहे हैं? आइए जानते हैं विस्तार में.

1 लाख टैक्स नोटिस क्यों भेजे गए हैं? 

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लेकिन ये टैक्स नोटिस किसे भेजे गए हैं? दरअसल, जिनके आईटीआर में भरे गए डीटेल्स डिपार्टमेंट के पास मौजूद डीटेल्स से मैच नहीं हुए हैं, ऐसे 50 लाख से ऊपर की इनकम रखने वाले 1 लाख लोगों को ये नोटिस भेजे गए हैं. वैसे ये सभी नोटिस 4-6 साल पुराने मामलों में भेजे गए हैं.

क्यों भेजे गए हैं 1 लाख टैक्सपेयर्स को नोटिस?

अब जो 1 लाख टैक्सपेयर्स को नोटिस गया है, वो दो कैटेगरी में गया है-  पहला, जिन्होंने टैक्सेबल इनकम होने के बावजूद टैक्स रिटर्न नहीं भरा था या जिन्होंने ज्यादा टैक्स देनदारी होने के बावजूद कम टैक्स चुकाया था.

कब-कब आ सकता है टैक्स नोटिस?

1. सही इनकम रिपोर्ट न की हो

 

आपके AIS यानी एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट आपके हर तरह की इनकम की जानकारी होती है, ऐसे में अगर आप अपने आईटीआर में सही डीटेल्स नहीं भरते हैं, तो ये मिसमैच होता है और नोटिस की वजह बन सकता है.

2. डिडक्शन और क्लेम का कोई आधार नहीं है

अगर आप HRA या सेक्शन 80C के तहत कोई टैक्स डिडक्शन क्लेम कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए कोई प्रॉपर प्रूफ नहीं दिया है तो आपको नोटिस वगैरह आ सकता है.

3. हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन

हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन भी टैक्स नोटिस का कारण बन सकता है. अगर आपने बैंक अकाउंट में किसी बड़े अमाउंट का लेन-देन किया है, या फिर महंगा घर खरीदा है, तो हो सकता है कि आपको नोटिस भेजकर पूछा जाए कि आपके फंड का सोर्स क्या था. 

4. इसके अलावा, TDS क्रेडिट में मिसमैच होना, एडवांस टैक्स पेमेंट में कुछ गड़बड़ी होने की वजह से भी टैक्स नोटिस आ सकता है.

कितने तरह के होते हैं नोटिस?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई धाराओं में नोटिस भेजता है, सबसे ज्यादा Known है Section 139(1), जो आपके आईटीआर में कुछ गड़बड़ी होती है तो भेजा जाता है. 

Section 143(2)- आपने आईटीआर के साथ जो डॉक्यूमेंट्स या प्रूफ दिए हैं, वो संतोषजनक नहीं हैं.

Section 156 या Demand Notice तब भेजा जाता है जब आपके ऊपर किसी तरह का टैक्स, फाइन या इंटरेस्ट बकाया है.

Section 245 तब भेजा जाता है जब आपके ऊपर किसी पिछले साल का कोई अनपेड टैक्स बचा हुआ हो और उसे इस साल के रिफंड के अगेंस्ट सेट ऑफ करना हो.

Section 148 तब भेजा जाता है जब टैक्स डिपार्टमेंट को ये लगे कि आपने या तो अपना रिटर्न भरा ही नहीं है, या भरा भी है तो आपने अपना हर इनकम डिस्क्लोज़ नहीं किया है.

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