जब भी टैक्‍स बचाने की बात आती है तो लोगों को सेक्‍शन 80C और 80D का खयाल आता है क्‍योंकि ज्‍यादातर लोगों को इन्‍हीं की जानकारी होती है. 80C के तहत, आपकी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं, वहीं सेक्शन 80D चिकित्सा खर्च पर कटौती के लिए है. लेकिन इनके अलावा भी इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे कई सेक्शन हैं, जिनके जरिए आप अपनी इनकम पर लगने वाले टैक्‍स को बचा सकते हैं. आइए CA राहुल कुमार अग्रवाल से जानते हैं  इसके बारे में.

पहले जानिए सेक्शन 80C

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सबसे पहले बात करेंगे सेक्शन 80C की. इस मामले में राहुल का कहना है कि ज्‍यादातर लोगों को लगता है कि पूरे 5 लाख तक की आय टैक्‍स फ्री होती है, जोकि सही नहीं है. वास्‍तव में 2.5 लाख तक की आय टैक्‍स छूट के दायरे में आती है. इसके बाद अगले 2.5 लाख रुपए तक में 12500 रुपए तक की रिबेट सेक्‍शन 87A के तहत मिल जाती है. इस तरह कुल 5 लाख की सैलरी पर टैक्‍स छूट का फायदा मिलता है. इसके अलावा सेक्‍शन 80C के तहत टर्म इंश्योरेंस, 5 साल की FD, वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं और ईएलएसएस म्‍यूचुअल फंड जैसी योजनाओं में 1.50 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्‍स छूट का फायदा लिया जा सकता है. 

सेक्शन 80CCD

अगर आप नेशनल पेंशन स्कीम में पैसे लगाते हैं तो धारा 80सीसीडी के तहत टैक्‍स में छूट ले सकते हैं. एनपीएस में टियर 1 अकाउंट पर आपको टैक्‍स की छूट मिलती है. एनपीएस के तहत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. अगर आप सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की लिमिट पूरी कर चुके हैं तो एनपीएस आपको एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग्स में भी मदद कर सकता है.

सेक्शन 80D

खुद, परिवार और आश्रित माता-पिता की सेहत के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम लेकर आप अपनी आय पर लगने वाले टैक्‍स को बचा सकते हैं. अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है तो आप इस सेक्‍शन के तरत खुद का, लाइफ पार्टनर और बच्‍चों का प्रीमियम देकर 25000 रुपए तक की छूट प्राप्‍त कर सकते हैं.  जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है, वे सेक्शन 80D के तहत 50 हजार रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. वहीं अगर टैक्‍सपेयर और उनके पैरेंट्स दोनों ही 60 साल से ज्‍यादा उम्र के हैं तो  1 लाख रुपए तक की कटौती का दावा किया जा सकता है.

सेक्‍शन 80DDB

अगर आपके परिवार को कोई आश्रित व्‍यक्ति गंभीर बीमारी से जूझ रहा है तो उसकी बीमारी पर खर्च की गई रकम भी टैक्‍स में छूट मिलती है. कैंसर, हीमोफीलिया, थैलीसीमिया और एड्स जैसी तमाम बीमारियों को इस लिस्‍ट में शामिल किया गया है. सेक्‍शन 80DDB के तहत आप माता-पिता, जीवनसाथी, बच्‍चे या आश्रित भाई-बहन के इलाज में किए गए खर्च पर आप ये छूट ले सकते हैं. लेकिन आपके पास मेडिकल सर्टिफिकेट का होना जरूरी है. उम्र और अन्‍य स्थितियों के हिसाब से ये कटौती 40 हजार से लेकर 1 लाख तक हो सकती है. 

सेक्शन 80EE

अगर आपका होम लोन 35 लाख रुपए से कम है और आपकी संपत्ति का मूल्‍य 50 लाख से ज्‍यादा नहीं है तो सेक्शन 80EE के तहत आप होम लोन EMI के ब्याज पर 50 हजार रुपए (धारा 24) की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकते हैं. लेकिन शर्त ये है कि लोन स्वीकृत होने के समय में उसके नाम पर कोई अन्य संपत्ति रजिस्‍टर्ड नहीं होनी चाहिए.

सेक्‍शन 80EEA

अगर आपने होम लोन लिया हुआ है, तो आप होम लोन के ब्‍याज पर सेक्‍शन 80EEA के तहत 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त टैक्स छूट ली जा सकती है. लेकिन शर्त ये है कि घर की स्टाम्प वैल्यू 45 लाख रुपए से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच लिया हो. अगर आपने घर मेट्रो सिटीज में खरीदा है तो इसके लिए कारपेट एरिया 60 स्‍क्‍वायर मीटर से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए, अन्‍य शहरों के लिए ये लिमिट अलग भी हो सकती है.

सेक्‍शन 80E

अगर आपने अपने, लाइफ पार्टनर या बच्‍चे की हायर एजुकेशन के लिए कोई लोन लिया है तो आप इस लोन पर लगने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स छूट प्राप्‍त कर सकते हैं. लेकिन शर्त ये है कि किसी मान्यता प्राप्त संस्था या बैंक से लिया गया हो. ये छूट तुरंत आने वाले असेसमेंट ईयर और उसके बाद 7 असेसमेंट ईयर तक मिल सकती है.

सेक्‍शन 80GG

नौकरीपेशा जो लोग किराए के मकान में रहते हैं, वो हाउस रेंट अलाउंस के जरिए अपने ऊपर से टैक्‍स के बोझ को कम कर सकते हैं. सेक्शन 80GG के अंतर्गत सालाना 60,000 रु. ( 5,000 रु. प्रति महीना) की अधिकतम छूट की अनुमति है.

सेक्‍शन 80TTB

सेक्‍शन 80TTB के तहत जमा राशि से होने वाले ब्याज की अधिकतम 50 हजार रुपए सालाना की कमाई पर टैक्‍स में छूट लिया जा सकता है. ये सेक्शन वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 अप्रैल 2018 से उपलब्ध है. हालांकि, धारा 80टीटीए के तहत सेविंग अकाउंट के ब्याज से होने वाली कमाई पर मिलने वाला 10 हजार रुपए तक का डिडक्शन वरिष्ठ नागरिकों के लिए नहीं है.

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