आयकर (Income Tax) विभाग ने सोमवार को छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की समीक्षा के लिए लोगों से सुझाव आमंत्रित किए. आयकर कानून की भाषा को सरल बनाने, कानूनी विवाद और अनुपालन में कमी और पुराने पड़ चुके प्रावधानों को लेकर सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट (Budget) में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी. 

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संदर्भ में समीक्षा पर नजर रखने और अधिनियम को संक्षिप्त रूप देने, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था. इससे विवादों के कम होने तथा करदाता कर को लेकर निश्चिंत हो सकेंगे. सीबीडीटी ने कहा, ‘‘समिति ने चार श्रेणियों में सार्वजनिक टिप्प्णियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं. ये श्रेणियां हैं... भाषा का सरलीकरण, कानूनी विवाद और अनुपालन में कमी और अनावश्यक/पुराने पड़ चुके प्रावधान.’’ 

ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक वेबपेज शुरू किया गया है. लोग अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर और ओटीपी के माध्यम से इसपर जा सकते हैं. वित्त मंत्री ने जुलाई में पेश 2024-25 के बजट में आईटी कानून की समीक्षा छह महीने में पूरी करने का प्रस्ताव किया था. छह महीने की समयसीमा जनवरी, 2025 में समाप्त हो रही है. ऐसे में संशोधित आयकर अधिनियम के संसद के बजट सत्र में लाये जाने की उम्मीद है.

(भाषा से इनपुट के साथ)