IT Refund: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने  कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में अर्जित आय के लिए 6.98 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल किए गए हैं जिनमें से 6 करोड़ से अधिक प्रोसेस्ड किए जा चुके हैं. इनकम टैक्स और  कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) से संबंधित शीर्ष निकाय सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि कुछ इनकम टैक्स रिटर्न (ITR)) के मामले में टैक्सपेयर्स की तरफ से कुछ जानकारी न मुहैया कराने या जरूरी कदम न उठाने से विभाग उनका प्रोसेसिंग नहीं कर पा रहा है.

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सीबीडीटी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दाखिल किए गए कुल आईटीआर में से लगभग 14 लाख रिटर्न को टैक्सपेयर्स ने अभी तक वेरिफिकेशन नहीं किया है. इसके अलावा विभाग ने 12 लाख टैक्सपेयर्स से इनकम से संबंधित अतिरिक्त जानकारी मांगी है और इस संबंध में उन्हें ई-फाइलिंग (e-filing) खातों से अवगत करा दिया गया है. इसके साथ ही कुछ आईटीआर जमाकर्ताओं (ITR Deposits) ने अभी तक अपने बैंक खातों को वेरिफाई नहीं किया है.

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सीबीडीटी ने कहा, टैक्स असेसमेंट ईयर 2023-24 में 5 सितंबर तक कुल 6.98 करोड़ आईटीआर (ITR) जमा किए गए हैं जिनमें से 6.84 करोड़ रिटर्न वेरिफाई हैं. 6 करोड़ से अधिक आईटीआर यानी कुल वेरिफाई रिटर्न में से 88% का प्रोसेसिंग किया जा चुका है.

2.45 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को रिफंड जारी

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2.45 करोड़ से अधिक रिटर्न जमाकर्ताओं को रिफंड जारी कर दिया है. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने के बाद उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है. उसके बाद ही IT विभाग उस रिटर्न का प्रोसेसिंग करता है और रिफंड संबंधी दावों का निपटारा करता है.

आईटीआर के प्रोसेसिंग में लगने वाला औसत समय निर्धारण वर्ष 2019-20 में 82 दिन और निर्धारण वर्ष 2022-23 में 16 दिन का था. इस समय को निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए घटाकर 10 दिन कर दिया गया है.

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सीबीडीटी ने कहा, आयकर विभाग आईटीआर (ITR) को त्वरित और कुशल तरीके से संसाधित करने के लिए प्रतिबद्ध है. अभी तक वेरिफाई नहीं किए गए 14 लाख रिटर्न के संदर्भ में सीबीडीटी (CBDT) ने कहा कि रिटर्न वेरिफाई न करने से प्रोसेसिंग में देरी होती है. उसने टैक्सपेयर्स से वेरिफिकेशन प्रोसेस तुरंत पूरी करने का आग्रह भी किया.

बैंक अकाउंट करें वेरिफाई

इसके साथ ही सीबीडीटी (CBDT) ने 12 लाख करदाताओं से भी शीघ्र कदम उठाने को कहा है जिनसे अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि टैक्सपेयर्स (Taxpayers) ने अपने बैंक खाते को ही वेरिफाई नहीं किया है. सीबीडीटी ने कहा कि बैंक खाता वेरिफाई न होने से वह स्वीकृत रिफंड भी भेज पाने में असमर्थ है. सीबीडीटी ने करदाताओं से रिफंड के लिए अपने बैंक खातों को ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से सत्यापित करने का अनुरोध किया.

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