Budget 2024 key highlights on income tax: हर बार के बजट से लोगों को उम्मीद होती है कि उसमें इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़ी कुछ खास घोषणाएं होंगी. इस बार के बजट से भी आम आदमी को कुछ ऐसी ही उम्मीदें थीं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस बार बजट में इनकम टैक्स (Tax) के स्लैब्स में तो कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन कुछ अहम घोषणाएं की हैं. आइए जानते हैं क्या कहा है उन्होंने और इनका आप पर क्या असर होगा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पिछले 10 सालों में डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) कलेक्शन दोगुना हो गया है और रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ गई है. उन्होंने करदाताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनके करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल देश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए किया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले 5 सालों में टैक्स पेयर सर्विसेस को बेहतर बनाने पर फोकस किया गया. एवरेज प्रोसेसिंग टाइम 2013-14 के 93 दिनों से घटाकर 10 दिन तक ले आए हैं, जिससे जल्दी रिफंड मिल रहे हैं.

7 लाख रुपये तक की कमाई हुई टैक्स फ्री - No income tax till Rs 7.27 lakh

टैक्स रेट्स पर कमेंट करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई टैक्स व्यवस्था के तहत अब 7 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगता, जो 2013-14 में सिर्फ 2.2 लाख रुपये था. रिटेल बिजनेस के लिए प्रिजम्पटिव टैक्सेशन की सीमा को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं प्रोफेशनल्स की प्रिजम्पटिव टैक्सेशन की सीमा को भी 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया जा चुका है. इतना ही नहीं, कॉरपोरेट टैक्स को भी 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है. वहीं कुछ नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए यह दर सिर्फ 15 फीसदी है.

जीएसटी कलेक्शन हुआ दोगुना

जीएसटी (GST) की बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब कंपनियों पर कंप्लाएंस का बोझ कम हुआ है. 94 फीसदी इंडस्ट्री लीडर इसे एक सकारात्मक कदम कह रहे हैं. जीएसटी का टैक्स बेस पिछले सालों में अब तक दोगुना हो चुका है और औसत मंथली जीएसटी कलेक्शन भी करीब दोगुना होकर इस साल 1.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसका सबसे बड़ा फायदा कंज्यूमर्स को हुआ है, क्योंकि लॉजिस्टिक्स कॉस्ट और टैक्स में कमी आने के चलते बहुत सारे प्रोडक्ट और सर्विस के दाम कम हो गए हैं.

स्टार्टअप को टैक्स छूट से जुड़ा बड़ा फायदा

अगर बात की जाए टैक्स प्रपोजल की तो इसके तहत निर्मला सीतारमण ने कोई बदलाव नहीं किए जाने की बात कही है. डायरेक्ट, इनडायरेक्ट और यहां तक इंपोर्ट ड्यूटी तक में की बदलाव नहीं किया गया है. स्टार्टअप्स (Startup) को मिलने वाले कुछ खास टैक्स छूट की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है. साथ ही IFSC यूनिट की ओर से सॉवरेन वेल्थ या पेंशन फंड की तरफ से किए गए निवेशों और कुछ आईएफएससी इकाइयों की कुछ आय पर टैक्स छूट की आखिरी तारीख बढ़ाई गई है. अभी तक यह आखिरी तारीख 31 मार्च 2024 थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया गया है.

आउटस्‍टैंडिंग डायरेक्‍ट टैक्‍स डिमांड लिए जाएंगे वापस

इतना ही नहीं, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पुराने आउटस्‍टैंडिंग डायरेक्‍ट टैक्‍स डिमांड को वापस लिया जाएगा. इसमें वित्‍त वर्ष 2010 तक 25,000 रुपये तक के मामले और वित्‍त वर्ष 2011-2015 के लिए 10,000 रुपये तक के मामले शामिल हैं. पिछले 5 सालों में करदाताओं की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. वित्‍त मंत्री ने कहा कि टैक्स रिफॉर्म से टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ा है.