Budget Expectations: नई सरकार है, नया बजट होगा, नई उम्मीदें भी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार जब शपथ ली तो लोगों की उम्मीदें फिर से जिंदा हो गईं. लेकिन, एक उम्मीद जो पिछले 10 साल से इंतजार कर रही है, वो है बजट (Budget 2024) में सैलरीड क्लास के लिए टैक्स कटौती. इस बार क्या नया है? वित्त मंत्री (Finance Minister) तो वहीं हैं, प्लानिंग भी वैसे ही होगी, फोकस भी ग्रोथ पर ही होगा. फिर भी ये पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं है. इसलिए ये बजट कुछ अलग और खास हो सकता है. अलग-अलग चर्चाएं हैं, उम्मीदें हैं. हकीकत तब सामने आएंगी, जब वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी. फिलहाल, सूत्र बता रहे हैं कि इनकम टैक्स की दरों में कटौती (Income tax relief) पर विचार हो रहा है.

नया इनकम टैक्स स्लैब लाएंगी वित्त मंत्री?

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दो सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरकार खपत को बढ़ावा देने के लिए टैक्स दरों में कुछ रियायत (Tax policy change) दे सकती है. जुलाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी. चुनौती उनके सामने भी होगी. लोकसभा चुनाव के नतीजे जिस तरह से आए हैं, उससे मध्यम वर्ग को साधने की कोशिश होगी. चर्चा है कि बजट 2024 में नए इनकम टैक्स स्लैब (Income tax Slab) का ऐलान हो सकता है. इसका फायदा ये होगा कि इंडिविजुअल टैक्स में कटौती से इकोनॉमी में कंजम्प्शन बढ़ेगा और मिडिल क्लास को बचत बढ़ाने का मौका मिलेगा. 

कौन खुश होगा?

अब सवाल ये है कि बजट से निकले ऐलानों से खुश कौन होगा? वित्त मंत्री किसे साध रही होंगी? सूत्रों के मुताबिक, 15 लाख रुपए से ऊपर के इनकम ग्रुप को खुश करने की प्लानिंग है. इस इनकम ग्रुप में टैक्स छूट या कटौती का प्रावधान हो सकता है. वहीं, 10 लाख रुपए तक की इनकम वालों का इनकम टैक्स स्लैब कम हो सकता है. सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम में 30 फीसदी की सबसे ऊंची टैक्स दर को खत्म कर एक नई लिमिट तय करने पर विचार कर रही है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की GDP 8.2 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ी है, वहीं कंजम्प्शन उससे आधी दर से बढ़ी है. ऐसे में उम्मीद है कि कंजम्प्शन को बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा सकता है.

टैक्स स्कीम में आएगा चेंज?

लोकसभा चुनाव के नतीजों ने सबको चौंकाया. नतीजों के बाद किए गए एक सर्वे में पता चला कि देश का वोटर महंगाई, बेरोजगारी और घटती हुई इनकम से काफी चिंतित है. ऐसे में चर्चा ये है कि सरकार का फोकस टैक्स स्कीम में बदलाव करने पर हो सकता है. इसमें 15 लाख रुपए तक के इनकम ग्रुप पर 5 फीसदी से 20 फीसदी टैक्स और 15 लाख रुपए से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. खुद प्रधानमंत्री भी इस बात का दावा कर चुके हैं कि उनकी सरकार मध्यम वर्ग की बचत बढ़ाने की तरफ काम कर रही है. इसके पीछे एक तर्क है. पिछले कुछ साल में इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की इनकम 3 लाख रुपए से बढ़कर 15 लाख रुपए हुई, इसमें पांच गुना की बढ़ोतरी दर्ज हुई, वहीं इसी अंतराल में इनकम टैक्स की दर में 6 गुना की बढ़ोतरी हुई, जो काफी ज्यादा है.