Budget 2024: 10 साल में नहीं हुआ वो अब होगा? सैलरी वालों को मिलेगा तोहफा! बढ़ सकती है इस डिडक्शन की लिमिट
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Budget 2024 news: बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. और सबको इंतजार रहेगा कि वित्त मंत्री इस बार किसे क्या तोहफा देती हैं. लेकिन, इस बार फोकस पूरी तरह से सैलरीड क्लास पर होगा. टैक्सेशन में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. वित्त मंत्री खुश करती नजर आ सकती हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं, जो 10 साल में नहीं हुआ, वो शायद इस साल होना है. क्योंकि, ग्रोथ पटरी पर है, महंगाई पर काबू पाना है. ब्याज दरें कम करनी हैं. इन सबके लिए टैक्सपेयर्स (Taxpayers) का रोल काफी बड़ा है. कंजम्प्शन को बढ़ावा देना है तो टैक्सपेयर्स के हाथ में पैसा देना होगा.
बढ़ेगी स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट
सूत्रों की मानें तो सरकार टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard deduction) की लिमिट को बढ़ा सकती है. फिलहाल, 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन है. इंडस्ट्री ने इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने की मांग रखी है. ट्रैवल, प्रिंटिंग, स्टेशनरी, बुक्स, स्टाफ सैलरी, व्हीकल रनिंग, मेंटेनेंस, मोबाइल एक्सपेंस जैसे खर्च को देखते हुए उनके अलाउंस में बढ़ोतरी होनी चाहिए. 50000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन इन सब खर्चों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है. इंफ्लेशन और बढ़ती स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 1 लाख रुपए करना चाहिए. सूत्रों की मानें तो इस पर विचार किया जा रहा है. लेकिन, लिमिट को बढ़ाकर सीधे डबल नहीं किया जाएगा. इसे 75000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है.
एसोचैम ने भी रखी थी डिमांड
एसोचैम के मुताबिक, सैलरीड क्लास के लिए 50 हजार रुपए का डिडक्शन कोई बहुत बड़ी राहत नहीं है. सभी टैक्सपेयर्स का सैलरी ब्रैकेट एक नहीं होता, ऐसे में बड़ी तादाद में टैक्सपेयर्स के लिए ये राहत काफी नहीं है. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट (ICAI) ने भी मांग रखी थी कि इंफ्लेशन इंडेक्स्ड एडजस्टमेंट के हिसाब से स्टैंडर्ड डिडक्शन होना चाहिए.
75000 रुपए हो सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन
सूत्रों का मानना है कि बजट में सैलरीड और पेंशनहोल्डर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर सकती है. सरकार टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाएगी तो लेकिन सीधे डबल बेनिफिट देने का कोई इरादा नहीं होगा. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट भी मानते हैं कि इसे बढ़ाने से टैक्सपेयर्स को काफी फायदा होगा.