अगर आपका आयकर से संबंधित कोई विवाद काफी समय से चल रहा है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार विवाद से विवाद स्कीम लेकर आई है. इस स्कीम के जरिए 31 मार्च के पहले ज्यादा से ज्यादा मामलों को निपटाने का प्रयास किया जाएगा. देश भर में फिलहाल 09 लाख करोड़ की रकम टैक्स विवाद में फंसी हुई है और ये मामले अलग- अलग ट्रिब्यूनल और न्यायालय में चल रहे हैं. इस स्कीम के बारे में वित्त मंत्री ने बजट मे ऐलान किया था. विवाद से विश्वास स्कीम का दायरा भी बढ़ाया गया है.

करदाताओं को कैबिनेट ने दी बड़ी राहत
अब विवाद से विश्वास स्कीम के तहत कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है कि अगर कोई टैक्स विवाद है और उस बारे में किसी ट्रिब्यूनल या कोर्ट ने आयकरदाता के पक्ष में फैसला दिया है तो आयकर विभाग अगर किसी उच्च न्यायालय या ट्रिब्यूनल में मामले को लेकर जाता है तो टैक्सपेयर को सिर्फ 50 फीसदी राशि जमा करनी होगी. अब तक 100 फीसदी रकम जमा करनी होती थी. उच्च न्यायालय या ट्रिब्यूनल के अंतिम फैसले के बाद आयकरदाता के बाद जो भी आयकर बनेगा वह सेटल किया जाएगा.
 
 

 
31 मार्च तक निपटेंगे ज्यादा से ज्यादा मामले
कैबिनेट ने फैसला लिया है कि विवाद से विश्वास स्कीम के तहत DRT (Debts Recovery Tribunals), सभी तरह के टैक्स विवाद, रिवीजन के मामले, ट्रिब्यूनल में या न्यायालय में चल रहे मामले विवाद से विश्वास स्कीम के तहत आएंगे. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मौके पर बताया कि प्रयास किया जाएगा कि 31 मार्च के पहले ज्यादा से ज्यादा मामलों को निपटा लिया जाए. इससे एक तरफ जहां लोगों का समय बचेगा वहीं तनाव भी कम होगा.