केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 (COVID-19) की स्थिति से निपटने के लिए कुछ आईआरएस (IRS) अधिकारियों के सुझावों के बारे में सोशल मीडिया पर रिपोर्ट सर्कुलेट हो रही है जो पूरी तरह से निराधार है. सीबीडीटी के मुताबिक आईआरएस एसोसिएशन या इन अधिकारियों से इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी भी नहीं कहा गया है.  

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रिपोर्ट जारी करने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई

CBDT के मुताबिक आधिकारिक मामलों पर अपनी निजी राय और सुझावों को सार्वजनिक करने से पहले अधिकारियों ने कोई अनुमति नहीं मांगी थी, जो मौजूदा नियमों का भी उल्लंघन है. CBDT ने कहा कि इस मामले में आवश्यक जांच शुरू की जा रही है. आयकर विभाग (Income Tax) ने भी ट्वीट करके कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के 50 अधिकारियों की एक रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

सेस लगाने की सलाह दी गई 

गौरतलब है कि भारतीय राजस्व सेवा के 50 अधिकारियों ने 'Fiscal Options & Response to Covid-19 Epidemic (FORCE)' शीर्षक अपनी रिपोर्ट में अमीर लोगों के लिए आयकर दर को बढ़ाने और एक निश्चित राशि से अधिक की कमाई करने वाले लोगों चार फीसद का Covid-Relief Cess लगाने की सिफारिश की है.

रिपोर्ट में कही गई थी ये बात

अधिकारियों की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि रिटर्न दाखिल नहीं करने, स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) नहीं करने या उसे रोककर रखने, फर्जी नुकसान के क्लेम के जरिये टैक्स देनदारी कम करके दिखाने के कई मामले सामने आते रहते हैं. अधिकारियों की तरफ से दिए गए सुझाव में एक करोड़ रुपये से अधिक की इनकम वाले लोगों पर 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात कही गई है. इसके अलावा पांच करोड़ से अधिक की सालाना आय वाले लोगों पर प्रॉपर्टी टैक्स या वेल्थ टैक्स लगाने की सलाह दी गई है. थोड़े समय के लिए दिए गए इन सुझाव का मतलब तीन से छह महीनों के लिए है.

 

आयकर विभाग ने भी खारिज की रिपोर्ट

Income Tax विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ''सोशल मीडिया पर कोविड-19 की स्थिति से निपटने को लेकर कुछ IRS अधिकारियों की कोई रिपोर्ट सर्कुलेट हो रही है. यह स्पष्ट किया जाता है कि CBDT ने IRS Association या उसके अधिकारियों को इस तरह का रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी नहीं कहा था.