आयकर (IT) विभाग ने फॉर्म 16 में व्‍यापक बदलाव किए हैं. इसमें मकान से आय और अन्य नियोक्ताओं से प्राप्त इंसेटिव (Incentive) समेत विभिन्न आय स्रोतों को जोड़ा गया है. विभाग का मकसद कर चोरी रोकना है, इसलिए इस बार से Form 16 में आय की अधिक से अधिक जानकारी होगी. इससे कंपनियों को Form 16 जारी करने में देरी भी हुई है. विभाग ने फौरी तौर पर Form 16 जारी करने की मियाद 15 जून 2019 से बढ़ाकर 10 जुलाई 2019 कर दी थी. अब सवाल यह उठता है कि क्‍या सरकार ITR (Income Tax Return) फाइलिंग की तारीख भी बढ़ा सकती है?

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लोकसभा में एक सवाल के जवाब में वित्‍त राज्‍य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि वेतनभोगियों (Salaried Class) के लिए ITR रिटर्न फाइलिंग की तारीख 31 जुलाई 2019 से बढ़ाने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है. हां, कुछ लोगों ने इसे आगे बढ़ाने की मांग की थी. 

ये पाएंगे ई-रिफंड

IT विभाग के बदलाव के बाद अब ई-रिफंड उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनका बैंक अकाउंट ई-फाइलिंग पोर्टल पर वेरिफाइड है और टैक्‍सपेयर के PAN से लिंक होगा. विभाग ने 1 मार्च 2019 से सिर्फ ई-रिफंड देने का फैसला किया है. इससे रिफंड पाने के समय में कमी आएगी और अधिकारियों के बीच काम पारदर्शी होगा. 

Form 16 में देरी का यह भी कारण

Form 16 जारी होने के पीछे देरी का 1 कारण यह भी है कि नियोक्‍ता को अपने कर्मचारी का TDS सरकार के पास जमा करना होता है. इसके लिए फॉर्म 24Q जमा करना होता है. लेकिन इस बार Form 24Q और Form 16 के पैटर्न में बदलाव हुआ है. सरकार ने Form 24Q को जमा करने की तारीख भी 31 मई, 2019 से बढ़ाकर 30 जून, 2019 कर दी थी.  

80GGA भी जुड़ा

Form ITR-1 में 80GGA नया सेक्शन जोड़ा गया है. अब अगर आप वैज्ञानिक अनुसंधान या ग्रामीण विकास के लिए दान में कटौती का दावा करना चाहते हैं, तो आपको अब अतिरिक्त विवरण प्रस्तुत करना होगा. आपको इसमें दान से लेकर PAN तक पूरा ब्योरा दर्ज करना होगा.