इस बार Landlord को किराए पर इनकम टैक्‍स (Income Tax) से सशर्त छूट मिल सकती है. क्‍योंकि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण अगर उनका किराएदार किराया नहीं दे पाया है तो मकान मालिक को Tax से छूट मिलेगी. इनकम टैक्‍स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) की मुंबई बेंच ने मकान मालिकों के लिए राहतभरा फैसला दिया है.

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जितना Rent उतना Tax

ITAT की मुंबई बेंच के आदेश के मुताबिक अगर कोई किरायेदार 10 हजार रुपये दे रहा है और उसने कारोबारी साल 2020-21 के 12 महीनों में 8 महीने का ही किराया दिया है. बाकी 4 महीने का किराया बाद में देने को कहा है. तो Tax सिर्फ 8 महीने के किराए पर लगेगा. ऐसे किराये पर आयकर विभाग की तरफ से टैक्स लगाना गलत है.

कुल आय पर ही लगेगा Tax

इस तरह मकान मालिक की किराए से कुल आय 80 हजार रुपये ही रहेगी. Land lord को इस रकम पर ही Tax देना होगा. अगर किरायेदार बाकी 4 महीने का किराया कारोबारी साल 2020-21 में नहीं देता है, तो मकान मालिक को इस पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा.

Rental income पर Tax

कई मामलों में ऐसा हुआ है कि किराएदार किराया देने में असमर्थ है, लेकिन इनकम टैक्स विभाग मकान मालिक पर किराया न मिलने के बाद भी Rental Income मान कर Tax लगा देता है. ऐसे केस में ITAT की मुंबई बेंच ने आदेश दिया कि किसी संपत्ति के मालिक को किरायेदार किराया नहीं दे रहा है, तो संपत्ति के मालिक को उस इनकम पर टैक्स नहीं भरना होगा.

Coronavirus का असर

ITAT की मुंबई बेंच का यह फैसला उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके किराएदार कोरोना महामारी (Coronavirus) की वजह से या किसी अन्य कारणों के कारण किराया नहीं दे पा रहे थे. ऐसे में किराएदार और मकान मालिकों के बीच विवाद होने की आशंका भी कम होगी.

Rent नहीं तो Tax नहीं

अब तक ये मान लिया जाता था कि मकान मालिक को किराया मिल ही जाएगा, इसीलिए उस पर उसी कारोबारी साल में किराए की आय पर लगने वाला टैक्स वसूला लिया जाता है. लेकिन अब ये माना गया है कि हो सकता है कि किरायेदार अगर किराया दे ही नहीं पाता है, तो मकान मालिक पर टैक्स का बोझ डालना गलत है.