Income Tax on EPF: एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड एक रिटायरमेंट स्कीम है, जो आपके भविष्य में आपका फाइनेंशियली साथ देती है. अगर आपने इसमें इन्वेस्टमेंट किया है, तो आप अपनी 60 साल की उम्र के बाद रिटायर होने पर इससे पैसा निकाल सकते हैं. वहीं आप समय से पहले भी अपना पैसा निकाल सकते हैं. लेकिन EPF से पैसे निकालने को लेकर टैक्स के कुछ अलग नियम हैं. आइए जानते हैं PF से पैसे निकालने पर कब टैक्स लगेगा और कितने समय बाद नहीं लगेगा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें 1 अप्रैल से टैक्स को लेकर नया नियम लागू हो रहा है. नए नियमों के अनुसार 2.5 लाख रुपए से ज्यादा Provident fund में डिपॉजिट करने पर इंट्रस्ट पर भी टैक्स लगेगा. करंट फाइनेंशियिल ईयर में फंड पर 8.5% का इंट्रस्ट रेट मिल रहा है. इसे EEE यानी की एग्जेम्प्ट, एग्जेम्प्ट, एग्जेम्प्ट कैटेगरी में रखा जाता है. इसके अलावा पीएम में जमा करने पर सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है. आइए जानते हैं टैक्स को लेकर नया नियम.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

टैक्स को लेकर क्या है नियम

1. अगर आप EPF से पैसा 5 साल पूरा होने से पहले निकालते हैं, तो उस पर टैक्स लगेगा. वहीं जहां 5 साल पूरे हो जाते हैं, तो उसपर टैक्स नहीं लगता है. 

2. टैक्स के लियए 5 साल का टाइम पीरियड जरूरी है. बता दें अगर आप किसी कंपनी में 1 साल तक परमानेंट नहीं है और वहां पर आप पेरोल पर 4 साल के लिए हैं, तो ऐसे में पैसे निकालने पर एंप्लॉयर TDS काट लेगा. क्योंकि कंपनी ऐसे मामलों में परमानेंट पेरोल पर 5 साल की अवधि को ही पूरा मानती है. 

3.  वहीं कुछ स्पेशल हालात भी हैं, जहां 5 साल से पहले पैसे निकाले पर TDS नहीं काटा जाता है. जैसे की एंप्लॉई की तबीयत का बिगड़ना या फिर एंप्लॉयर का बिजनेस बंद होना. इसके लिए कंपनी TDS नहीं काटेगी. 

4. EPF में 3 प्रमुख हिस्से होते हैं. पहले तो Employee का योगदान, दूसरा एंप्लॉयी के योगदान पर मिलने वाला Interest और तीसरा एंप्लॉयर का योगदान और इसपर मिलने वाला इंट्रेस्ट.