Income Tax Department ने धोखाधड़ी वाले निवेश के जरिये बोगस रिफंड दावों को रोकने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाए हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस तरह का बोगस निवेश इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फार्मों में दिखाया जाता है. चंद्रा ने बताया कि CBDT ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जो ऐसे आकलन के मामलों को देखेगी. ऐसे मामलों में टैक्‍स अधिकारियों द्वारा तर्कहीन मांग की जाती है.

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चंद्रा ने इस बात पर निराशा जताई कि लोग बोगस रिफंड दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जबकि लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और ईमानदारी से अपने कर को चुकाना चाहिए.

मुंबई, बेंगलुरु और पंजाब के कुछ हिस्सों में छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने पाया कि कुछ धोखाधड़ी करने वाले लोग टैक्‍सपेयर्स को 80C सी के तहत बोगस निवेश और होम लोन पर फर्जी रिफंड दावे करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

चंद्रा ने कहा कि जब हमने उस जोखिम मापदंड को देखा तो पाया कि कई रिफंड दावे एक ही आईपी पते से दायर किए गए हैं और सभी का तरीका एक है, उसके बाद हमने कुछ स्थानों पर छापेमारी की. उसके बाद हमने एक और जोखिम मानदंड लगाया जिससे यदि कोई धोखाधड़ी से रिफंड का दावा किया गया हो तो उसे रोका जा सके. कुछ अधिक तेजी वाले आकलन के मामलों पर चंद्रा ने कहा कि इसके लिए पहले ही एक समिति का गठन किया गया है.