नया साल दस्तक देने ही वाला है. बेशक आप हैप्पी न्यू ईयर 2019 कहने की तैयारी में होंगे. लेकिन इस सेलिब्रेशन से पहले यानी 31 दिसंबर से पहले एक काम निपटाना आपके लिए बेहद जरूरी है. यह खबर उन लोगों के लिए खास है जिन्होंने अब तक वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) नहीं भरा है. अगर आप उनमें से हैं तो आपको खास ध्यान देना होगा. अगर आप 31 दिसंबर के बाद इस अवधि का आईटीआर दाखिल करते हैं तो आपको दोगुना पेनाल्टी यानी 10,000 रुपये देना होगा. हालांकि 31 दिसंबर से पहले भी आपको 5000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होगी.   

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आयकर विभाग ने दिया है विज्ञापन

आयकर विभाग ने अपने विज्ञापन में कहा है कि वैसे करदाता जो अब तक आईटीआर दाखिल नहीं कर सके हैं वे 31 दिसंबर से पहले इसे फाइल कर दें. अन्यथा निर्धारण वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 के समयसीमा के बाद रिटर्न दाखिल करने पर आपको पेनाल्टी देनी होगी. आयकर विभाग के मुताबिक निर्धारण वर्ष का मतलब उस वर्ष से हैं, जो वित्त वर्ष के बाद आता है. इसे आप उदाहरण से समझ सकते हैं. वित्त वर्ष 2018-19 का निर्धारण वर्ष 2019-20 होगा. 

अंतिम तारीख 31 अगस्त थी

वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त थी. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सिर्फ केरल के लोगों को इस तिथि के बाद भी रिटर्न भरने की इजाजत दी गई थी. पेनाल्टी का नियम लागू होने से पहले देर से रिटर्न भरने पर पेनाल्टी लगाने का फैसला लेने का अधिकार आयकर अधिकारी को था.

 

सरकार की तरफ से साल 2017 के बजट में इस नियम में परिवर्तन किया गया. इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन किया गया. संशोधित नियम (सेक्शन 234एफ) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति समयसीमा के बाद रिटर्न दाखिल करता है तो उसे लेट फीस चुकानी पड़ेगी और यह देरी पर लगने वाली पेनाल्टी की अधिकतम राशि 10,000 रुपये होगी.

लेट फीस की रकम 

किसी वित्त वर्ष में तय समयसीमा के बाद लेकिन 31 दिसंबर से पहले रिटर्न भरने पर लेट फीस 5000 रुपये देनी होती है. इसी प्रकार अगर आयकर रिटर्न संबंधित निर्धारण वर्ष में 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच दाखिल किया जाता है तो लेट फीस 10,000 रुपये होगी. कुल मिलाकर लेट फीस इस बात पर निर्भर करेगी कि करदाता ने रिटर्न कब दाखिल किया है.