X (Twitter) Tax: एक्स (ट्विटर) के बॉस एलन मस्क ने अपने वेरिफाइड यूजर्स के लिए खजाना खोल दिया है. एडवरटाइजमेंट रेवेन्यू शेयरिंग प्लान के तहत अब ब्लू टिक अकाउंट होल्डर्स को उनके ट्वीट से होने वाली कमाई का एक हिस्सा दिया जाने लगा है. कई सारे भारतीय सब्सक्राइबर्स ने भी सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी है कि उन्हें X से पैसे मिलने शुरू हो गए हैं. अब ऐसे में लोग ये सवाल भी पूछने लगे हैं कि क्या इस कमाई पर उन्हें टैक्स देना होगा? आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ.

GST के दायरे में आएगी कमाई

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इनकम टैक्स एक्सपर्ट्स ने बताया कि यूजर्स की X से होने वाली कमाई GST के दायरे में आएगी. इसके लिए उन्हें 18 फीसदी की रेट से टैक्स देना होगा.  उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की किराये से आय, बैंक सावधि जमा पर ब्याज और अन्य पेशेवर सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं से कुल आय एक वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो उस पर टैक्स लगेगा. 

कैसे होगी X से कमाई

हाल ही में, X ने अपने प्रीमियम ग्राहकों या वेरिफाइड संगठनों के लिए एडवरटाइजमेंट रेवेन्यू शेयर करना शुरू किया है. इस रेवेन्यू शेयरिंग प्लान का हिस्सा बनने के लिए अकाउंट में पिछले तीन महीनों में पोस्ट पर 1.5 करोड़ 'इंप्रेशन' और कम से कम 500 'फॉलोअर्स' होने चाहिए. 

क्या है GST के नियम

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल ही में एक्स से राजस्व हिस्सेदारी प्राप्त करने के बारे में ट्वीट किए हैं. एक्सपर्ट्स ने कहा कि 20 लाख रुपये की सीमा की गणना के लिए ऐसी आमदनी को शामिल किया जाएगा जो आमतौर पर GST से मुक्त हैं. हालांकि, छूट वाली आय पर GST नहीं लगाया जाएगा. 

वर्तमान में, 20 लाख रुपये से अधिक की सेवाओं से राजस्व या आय अर्जित करने वाले व्यक्ति और संस्थाएं माल और सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण लेने के लिए पात्र हैं. मिजोरम, मेघालय, मणिपुर जैसे कुछ विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये है. 

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बैंकों से सालाना 20 लाख रुपये की ब्याज आय अर्जित करता है, और जो न तो GST का भुगतान करता है और न ही जीएसटी पंजीकरण कराया है. अब, यदि वह व्यक्ति ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म से कोई अतिरिक्त कर योग्य आय, मान लीजिए एक लाख रुपये हासिल करता है, तो उसे जीएसटी पंजीकरण कराना होगा और 20 लाख रुपये से ऊपर की रकम यानी एक लाख रुपये पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. 

नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि सामग्री निर्माता ट्विटर से आय हासिल करता है तो वह जीएसटी के तहत 'सेवाओं का निर्यात' मानी जाएगी, क्योंकि ट्विटर भारत से बाहर है और परिणामस्वरूप, आपूर्ति का स्थान भारत के बाहर है.

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