त्योहारों के मौसम में पर्सनल लोन लीजिए, लेकिन इन बातों का भी रखिए ख्याल
त्योहारों के मौसम में कई तरह के ऑफर और खर्च में बढ़ोतरी के चलते पर्सलन लोन लेना पड़ जाता है. पर्सनल लोन ऐसा कर्ज है, जिसे आप अपनी मर्जी से कहीं भी खर्च कर सकते हैं.
त्योहारों के मौसम में कई तरह के ऑफर और खर्च में बढ़ोतरी के चलते पर्सलन लोन लेना पड़ जाता है. पर्सनल लोन ऐसा कर्ज है, जिसे आप अपनी मर्जी से कहीं भी खर्च कर सकते हैं. ये लोन बहुत महंगे होते हैं, हालांकि आसानी से और जल्दी मिल जाते हैं, लेकिन इस जल्दबाजी में कुछ ऐसी सावधानियां हैं, जिनका ध्यान रखना आपके लिए जरूरी है.
क्रेडिट स्कोर
सबसे पहले तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सबसे कम ब्याज दर कौन ऑफर कर रहा है. पर्सनल लोन पर ब्याज की दर आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है. अगर आपका सिबिल या क्रेडिट स्कोर 850 या इससे अधिक है तो आपको सबसे कम ब्याज दर पर लोन मिलना चाहिए. अगर आपका क्रेडिट स्कोर 550 से 750 के बीच है तो आपको अधिक ब्याद देना होगा. इसलिए सबसे पहले अपना क्रेडिट स्कोर पता कीजिए और उसी के आधार पर बारगेनिंग कीजिए.
वेतनभोगी को राहत
एक ही जरूरत के लिए कई जगह एक साथ लोन के लिए अप्लाई न कीजिए. इससे उन्हें लगेगा कि आपको लोन की बहुत जरूरत है और वे आपके लिए ब्याज की दर बढ़ा देंगे. अपना काम करने वाले लोगों के मुकाबले वेतनभोगी लोगों के लिए ब्याज की दर कम होती है. माना जाता है कि वेतनभोगी लोग अपना कर्ज आसानी से चुका सकते हैं, क्योंकि हर महीने के अंत में उन्हें एक निश्चित आय मिलती है. इसलिए उनके लिए ब्याज की दर कम होती है. अगर आप किसी प्रतिष्ठित कंपनी में काम करते हैं, तो अपने लिए कम ब्याज दर की मांग कीजिए.
बैंक से साथ संबंध
बैंक के साथ आपका संबंध भी ब्याज दर तय करने में मदद करता है. अगर आप उस बैंक के लंबे समय से ग्राहक हैं, तो निश्चित रूप से आपको ब्याज में छूट मिलनी चाहिए. एक सवाल ये है कि ब्याज दर फ्लैट रेट या रिड्युशिंग रेट पर होनी चाहिए. रिड्युशिंग रेट यानी आप जितना कर्ज चुका चुके हैं, उस पर आपको ब्याज नहीं देना होगा. ये थोड़ा पेचीदा मामला है, लेकिन आमतौर पर देखा गया है कि रिड्युशिंग रेट पर लोन लेना बेहतर रहता है.
अन्य जरूरी बातें
इसके अलावा लोन लेने के लिए प्रोसेशिंग फीस और समय से पहले पूरा लोन चुकाने पर प्री-क्लोजर चार्ज के बारे में भी बैंक एक्जीक्यूटिव से पूरा जानकारी लीजिए. लोन लेते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इसे आपको चुकाना भी है. जितनी जरूरत हो, उतना ही लोन लीजिए. लोन लेने के बाद अनुशासित वित्तीय योजना के तहत समय से पूरा लोन चुकाइए. अगर आप लोन की किस्त में डिफाल्ट करेंगे, तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा.