Credit Card: पर्स में पड़े-पड़े भी जेब काटता है क्रेडिट कार्ड, जानिए कब बिना शॉपिंग किए भी आ जाता है बिल
आपको अक्सर फोन आते होंगे कि मुफ्त में लाखों की क्रेडिट लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड (Credit Card) मिल रहा है. कुछ तो वाकई सच कहते हैं, लेकिन कुछ एजेंट और बैंक आधी-अधूरी जानकारी देते हैं और अपना क्रेडिट कार्ड बेचने की कोशिश करते हैं.
आपको अक्सर फोन आते होंगे कि मुफ्त में लाखों की क्रेडिट लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड (Credit Card) मिल रहा है. कुछ तो वाकई सच कहते हैं, लेकिन कुछ एजेंट और बैंक आधी-अधूरी जानकारी देते हैं और अपना क्रेडिट कार्ड बेचने की कोशिश करते हैं. ऐसे में कई बार लोग भारी-भरकम सालाना चार्ज वाले क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं, जिससे उन्हें तगड़ा नुकसान होता है.
भारी-भरकम सालाना चार्ज वाले क्रेडिट कार्ड से सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि भले ही आप उस क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करें या ना करें, सालाना चार्ज तो चुकाना ही पड़ता है. यानी भले ही आप ऐसे क्रेडिट कार्ड को पर्स में संभाल कर रखें, लेकिन आपको साल में एक बार सालाना चार्ज चुकाने के लिए बैंक की तरफ से बिल तो आएगा ही.
सालाना चार्ज से होता है कनफ्यूजन
कई ऐसे क्रेडिट कार्ड होते हैं, जिन पर कोई सालाना चार्ज नहीं लगता, लेकिन अधिकतर कार्ड पर ये चार्ज लगता है. अगर पहली बार ये कार्ड आपको मुफ्त में मिल भी गया तो कई बार अगले साल से ये चार्ज लगने लगता है. तो कार्ड लेते वक्त सालाना चार्ज का खास ध्यान रखें.
सालाना चार्ज माफी के नियम भी जानें
अधिकतर बैंक एक नियमित सीमा से अधिक की शॉपिंग किए जाने के बाद कार्ड पर लगने वाला चार्ज माफ कर देते हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड लेते वक्त अच्छे से समझ लें कि कार्ड पर सालाना चार्ज माफ होता है या नहीं. यह भी समझ लें कि अगर सालाना चार्ज माफ होता है तो उसकी न्यूनतम सीमा क्या है.
नियम और शर्तें ध्यान रखें
क्रेडिट कार्ड के नियमों में समय-समय पर कई बदलाव किए जाते हैं. कई बार कुछ ट्रांजेक्शन को सालाना चार्ज माफ करने वक्त नहीं गिना जाता. उदाहरण के लिए कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड से रेंट चुकाने, स्कूल फीस देने जैसे कामों में इस्तेमाल पैसे को सालाना चार्ज माफ करने की गणना में नहीं शामिल करते हैं. ऐसे में बैंक से ये पहले ही साफ कर लें कि कौन-कौन से चार्ज की गणना होगी और किसे नहीं गिना जाएगा.