Inactive हो गया है पीपीएफ अकाउंट, फिर से करना है Active! कैसे होगा ये काम और कितनी लगेगी पेनल्टी?
पीपीएफ स्कीम काफी लोकप्रिय स्कीम है. निवेश के अलावा इसे टैक्स बचाने के लिहाज से भी काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन अगर इसमें सालाना मिनिमम डिपॉजिट न किया जाए तो अकाउंट इनेक्टिव कर दिया जाता है. इसे दोबारा शुरू करने का क्या है तरीका, समझ लीजिए.
PPF यानी Public Provident Fund निवेश के पसंदीदा ऑप्शंस में शामिल है. जो लोग निवेश के मामले में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते और लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन भी करना चाहते हैं, उनके लिए ये काफी पीपीएफ काफी अच्छी स्कीम साबित हो सकती है. इस स्कीम में 15 साल के लिए निवेश किया जाता है. सालाना कम से कम 500 रुपए और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं. निवेश पर 7.1% के हिसाब से ब्याज दिया जा रहा है.
ये स्कीम टैक्स बचाने के लिहाज से भी काफी अच्छी मानी जाती है. EEE कैटेगरी वाली ये स्कीम 3 तरह से इनकम टैक्स बचाती है. इसमें जमा की जाने वाली रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम तीनों पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. 15 साल तक स्कीम को चालू रखने के लिए इसमें सालाना मिनिमम अमाउंट डालना जरूरी होता है. अगर आप वो नहीं जमा करते तो अकाउंट Inactive हो जाता है. हालांकि आप निष्क्रिय अकाउंट को फिर से चालू करवा सकते हैं. जानिए इसका क्या है तरीका और दोबारा एक्टिव करवाने में कितनी पेनल्टी लगती है.
ऐसे दोबारा एक्टिव होगा अकाउंट
सबसे पहले बैंक या पोस्ट ऑफिस, जहां भी आपका खाता खुला है वहां जाएं और पीपीएफ अकाउंट को दोबारा शुरू करने के लिए आवेदन करें. इसके बाद जिन वर्षों में आपने पैसे जमा नहीं कराए हैं, उनकी एरियर राशि आपको चुकानी होगी, साथ ही हर साल के हिसाब से 50 रुपए पेनल्टी देनी होगी. मान लीजिए आपका अकाउंट तीन साल से बंद पड़ा है तो आपको हर साल के हिसाब से 500 रुपए यानी कुल 1500 रुपए एरियर राशि देनी होगी और 50 रुपए के हिसाब से तीन साल की पेनल्टी यानी कुल 150 रुपए डिफॉल्ट फीस जमा करनी होगी. इसके बाद आपके अकाउंट को दोबारा Continue कर दिया जाएगा. ध्यान रहे बंद खातों पर ऋण/निकासी की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
इन स्थितियों में 15 साल से पहले बंद कर सकते हैं अकाउंट
अगर आपको पीपीएफ में निवेश करने के बाद बीच में ही अकाउंट को बंद करने की जरूरत लगती है तो इसके लिए आपका अकाउंट कम से कम 5 साल पुराना होना चाहिए. मतलब आपको ये सुविधा 5 साल बाद ही मिल सकती है. अगर आप खाते के Mature होने से पहले Withdraw करते हैं तो ब्याज 1% काटकर पैसा वापस मिलेगा. इसके अलावा प्रीमैच्योर क्लोजर भी विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है जैसे-
1- अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति हो और आपको खुद के, पत्नी या बच्चों के इलाज के लिए पैसों
की जरूरत हो तो आप 5 साल बाद अकाउंट को पूरी तरह बंद कर सकते हैं और जमा रकम निकाल सकते हैं.
2- अकाउंट होल्डर खुद की हायर एजुकेशन या खुद पर निर्भर बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 5 सालों के बाद पीपीएफ प्रीमैच्योर क्लोजर कर सकता है.
3- अगर आप विदेश शिफ्ट हो रहे हैं तो भी पीपीएफ अकाउंट बंद करवाकर पूरा पैसा निकाल सकते हैं.
4- अकाउंटहोल्डर के निधन की स्थिति में मैच्योरिटी से पहले खाते को बंद कर दिया जाता है. ऐसे में नॉमिनी या उत्तराधिकारी को खाता जारी रखने की सुविधा नहीं मिलती है. ऐसे मामलों में खाता बंद होने वाले महीने के ठीक पहले वाले महीने के अंत तक का ब्याज दिया जाता है.