Provident Fund पर टैक्स बेनेफिट का फंडा; एंप्लॉयर के डिडक्शन पर क्या आपको मिलती है छूट? समझें पूरी कैलकुलेशन
Provident Fund में एंप्लॉयी की तरफ से जो अमाउंट जमा किया जाता है, उसपर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. इतना ही अमाउंट एंप्लॉयर की तरफ से भी जमा किया जाता है. जानिए उसको लेकर टैक्स के क्या नियम हैं.
अगर आप नौकरी करते हैं तो एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (Employee Provident Fund) के बारे में जरूर जानते होंगे. आपकी सैलरी से हर महीने कुछ हिस्सा इस फंड में जमा किया जाता है. यह बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 12 फीसदी होता है. अमूमन एंप्लॉयर भी इतनी रकम आपके लिए जमा करता है. जैसा कि हम जानते हैं, प्रोविडेंट फंड का जो हिस्सा सैलरी से कटता है, उसपर टैक्स में डिडक्शन का लाभ मिलता है. प्रोविडेंट फंड में जमा राशि पर सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है. इस सेक्शन की लिमिट 1.5 लाख रुपए होती है. आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि एंप्लॉयर जो पीएफ का हिस्सा काटता है, क्या उसपर टैक्स में छूट मिलती है?
बजट 2020 में एंप्लॉयर के लिए 7.5 लाख का लिमिट सेट किया गया
चार्टर्ड अकाउंटेंट गरिमा बाजपेयी ने कहा बीते दो सालों में प्रोविडेंट फंड को लेकर नियमों में काफी बदलाव आया है. बजट 2020 में एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन को लेकर नियम में बदलाव किया गया था. यह नियम 1 अप्रैल 2020 से लागू हुआ. इसके तहत एंप्लॉयर की तरफ से एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) और नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS समेत किसी अन्य रिटायरमेंट फंड में जो राशि जमा की जाती है उसपर 7.5 लाख का कैप लगा दिया गया. अगर एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन इससे ज्यादा होता है तो एडिशनल अमाउंट पर एंप्लॉयी को टैक्स जमा करना होगा.
बजट 2021 में 2.5 लाख की लिमिट एंप्लॉयी के लिए लगाई गई
बजट 2021 में एंप्लॉयी कंट्रीब्यूशन पर कैपिंग लगाई गई. इसके तहत अगर एंप्लॉयी कंट्रीब्यूशन एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख से अधिक होता है तो एडिशनल अमाउंट पर जो इंटरेस्ट मिलेगा, वह एंप्लॉयी के लिए टैक्सेबल होगा. इसमें VPF यानी वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड को भी जोड़ा गया है. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू है. 2.5 लाख की लिमिट प्राइवेट एंप्लॉयी के लिए है. गवर्नमेंट एंप्लॉयी के लिए यह लिमिट 5 लाख रुपए है.
एंप्लॉयी कंट्रीब्यूशन पर सेक्शन 80C के तहत मिलता है टैक्स बेनिफिट
टैक्स एक्सपर्ट ने कहा कि प्रोविडेंट फंड में एंप्लॉयी की तरफ से जो जमा किया जाता है तो उसपर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. एंप्लॉयर की तरफ से जो हिस्सा जमा किया जाता है तो उसपर टैक्स का बेनिफिट एंप्लॉयी को नहीं मिलता है. एंप्लॉयर इसे बिजनेस एक्सपेंस के रूप में दिखाता है और उसपर उसे टैक्स डिडक्शन मिलता है.
EPS में अधिकतम 1250 रुपए जमा किए जाते हैं
गरिमा बाजपेयी ने कहा कि एंप्लॉयर जो 12 फीसदी जमा करता है उसका 3.67 फीसदी EPF फंड में और बाकी 8.33 फीसदी EPS में जमा होता है. EPS का कंट्रीब्यूशन 15000 बेसिक पे के आधार पर होता है. इसमें अधिकतम 1250 रुपए जमा किए जाते हैं. इसके अलावा बकाया राशि को EPF में ही ट्रांसफर कर दिया जाता है.
एंप्लॉयर 12% से ज्यादा जमा करेगा तो एंप्लॉयी को लगेगा टैक्स
एंप्लॉयर आपके PF अकाउंट में अधिकतम 12 फीसदी तक जमा कर सकता है. अगर पर बेसिक और DA का 12 फीसदी से अधिक जमा करता है तो एडिशनल अमाउंट पर एंप्लॉयी को टैक्स जमा करना होगा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें