अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको कई तरह की छुट्टियां मिलती होंगी. इसमें से कुछ छुट्टियां ऐसी हैं जिन्‍हें अगर आप अगर एक फाइनेंशियल ईयर में खत्‍म नहीं कर पाते तो वो लैप्‍स हो जाती हैं. वहीं कुछ छुट्टियां ऐसी होती हैं जिन्‍हें आप कैश करवा सकते हैं. जो लोग सालों से जॉब कर रहे हैं, उन्‍हें तो इसकी जानकारी अच्‍छे से है, लेकिन जिन लोगों ने नई जॉब के साथ करियर की शुरुआत की है, उन्‍हें एक बार छुट्टियों की ये जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए, ताकि उनका कहीं कोई नुकसान न हो पाए.

कितने तरह की होती हैं छुट्टियां

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की कंपनियों में कई तरह की छुट्टियां होती हैं- सिक (Sick), कैजुअल (Casual), अर्न्ड (Earned) और प्रिवलेज (Privilege) आदि. ये छुट्टियां अलग-अलग काम के हिसाब से कर्मचारी को दी जाती हैं. हर तरह की छुट्टी के लिए अलग-अलग नियम होते हैं और इन्‍हें लेने की न्यूनतम और अधिकतम संख्या भी निर्धारित होती है. सिक और कैजुअल लीव्स एक कैलेंडर ईयर में यूज़ न की जाएं तो लैप्स हो जाती हैं, लेकिन अर्न्ड लीव और प्रिवलेज लीव को एन्‍कैशमेंट कराने योग्‍य माना जाता है. 

Casual Leave

Casual Leave को शॉर्ट में CL कहा जाता है. कई बार आपकी छुट्टी प्‍लान नहीं होती, अचानक से कोई कारण बन जाते हैं और आपको छुट्टी लेनी पड़ जाती है. इस स्थिति में आप सीएल ले सकते हैं. कंपनियां एक महीने में आधे दिन से लेकर अधिकतम 2 से 3 दिन की कैजुअल लीव (CL) तक देती हैं.

Sick Leave

इसे सिक लीव या मेडिकल लीव कहा जाता है. अगर आप बीमार हैं और काम नहीं कर सकते तो आप ये छुट्टी ले सकते हैं. हर 7 दिनों तक काम करने के बदले आधी मेडिकल लीव ली जा सकती है. इसे न तो एन्‍कैश किया जा सकता है और न ही अगले साल के लिए Carry Forward. ये छुट्टियां साल बीतने के साथ ही लैप्‍स हो जाती हैं. कंपनी की लीव पॉलिसी के अनुसार, 2 या 3 से ज्यादा मेडिकल लीव लेने पर आपको Medical Certificate देना होता है.

Earned and Privilege Leaves

अक्‍सर लोगों को Earned and Privilege Leaves के बीच का अंतर नहीं मालूम होता. अगर आप किसी फैक्टरी या संस्‍थान में काम करते हैं, तो फिर आपको अपनी ड्यूटी के बदले में अर्जित अवकाश मिलता है. इसलिए इसे अर्न्‍ड लीव कहा जाता है. कर्मचारियों को एक साल में 18 अर्न्‍ड लीव तक मिल सकती हैं. वहीं अगर आप किसी दुकान और प्रतिष्‍ठान में काम करते हैं या किसी ऐसे संस्थान में काम करते हैं, जोकि Shops and Establishments Act के तहत स्थापित है तो की हुई ड्यूटियों के बदले में प्रिवलेज लीव्‍स दी जाती हैं. कर्मचारियों को साल भर में 16 PL तक मिल सकती हैं. 

Earned Leave और Privilege Leave दोनों को एन्‍कैश कराया जा सकता है. बची हुई छुट्टियां अगले साल के लिए Carry Forward हो जाती हैं. किसी भी कंपनी में सामान्यत: एक साल के लिए अधिकतम 30 छुटि्टयों को एनकैश कराने का नियम होता है. कुछ कंपनियों में छुट्टियों का एनकैशमेंट साल बीतने के बाद ही कर दिया जाता है, वहीं कुछ कंपनियों में ये रकम कंपनी छोड़ते समय एकमुश्‍त दी जाती है. लीव एनकैशमेंट की गणना बेसिक पे और महंगाई भत्ते के आधार पर की जाती है और नौकरी से निकाले जाने की स्थिति में लीव एनकैशमेंट नहीं होता है.

Maternity and Paternity Leaves

भारत में महिला कर्मचारी को 12 हफ्ते (84 दिन) का मातृत्व अवकाश भी देने का नियम है. इन 12 हफ्तों में से 6 हफ्ते की छुट्टी डिलिवरी की तारीख के बाद ली जा सकती है. वहीं सरकारी नौकरी करने वाले पुरुष कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश का लाभ मिलता है. हालांकि प्राइवेट सेक्टर में ऐसा कोई अनिवार्य नियम नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को ये सुविधा देती हैं. ये अवकाश 15 दिनों तक का होता है जो बच्चे के जन्म के पहले या बाद में 6 महीने के भीतर लिया जा सकता है. 

Leave Without Pay 

अगर आपके पास इनमें से कोई छुट्टी नहीं बची है, तो आप Leave Without Pay की सुविधा ले सकते हैं. इसमें आप जितने दिनों की छुट्टी पर रहेंगे, उतने दिनों का भुगतान आपको नहीं किया जाता है.

 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें