कैसे कैलकुलेट होती है ग्रेच्युटी? 60,000 सैलरी और 10 साल की नौकरी..तो कितना मिलेगा पैसा!
ग्रेच्युटी का पैसा कितना मिलेगा, इसकी कैलकुलेशन एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर की जाती है. अगर एक व्यक्ति 60,000 रुपए महीने कमाता है और उसने लगातार 10 साल तक एक कंपनी में नौकरी की है, तो उसे कितना पैसा मिलेगा? समझिए कैलकुलेशन.
ग्रेच्युटी वो रकम है जो किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से लंबे समय तक बेहतर सेवाएं देने के बदले पुरस्कार के तौर पर दी जाती है. नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 5 साल लगातार किसी कंपनी में नौकरी करे, तो वो ग्रेच्युटी पाने का हकदार हो जाता है. ग्रेच्युटी का पैसा कितना मिलेगा, इसकी कैलकुलेशन एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर की जाती है. अगर एक व्यक्ति 60,000 रुपए महीने कमाता है और उसने लगातार 10 साल तक एक कंपनी में नौकरी की है, तो उसे कितना पैसा मिलेगा? आइए फॉर्मूले के आधार पर समझते हैं कैलकुलेशन.
ये है ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला
ग्रेच्युटी की गणना करने का फॉर्मूला है- (अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26). अंतिम सैलरी से मतलब, आपकी पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है. इस सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को शामिल किया जाता है. महीने में रविवार के 4 दिन वीक ऑफ होने के कारण 26 दिनों को गिना जाता है और 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है.
60,000 सैलरी और 10 साल की नौकरी तो कितनी बनेगी ग्रेच्युटी?
60,000 सैलरी और 10 साल की नौकरी है तो कितनी ग्रेच्युटी बनेगी? फार्मूले के हिसाब से इसकी कैलकुलेशन ऐसे होगी- (60,000) x (10) x (15/26) = 3,46,153 रुपए. फॉर्मूले के हिसाब से ये रकम आपको कंपनी की ओर से ग्रेच्युटी के तौर पर दी जाएगी. वहीं अगर किसी व्यक्ति की सैलरी 60,000 रुपए हो लेकिन उसने काम सिर्फ 5 साल ही किया हो तो उसे कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी? ऐसे में फॉर्मूले के हिसाब से कैलकुलेशन इस आधार पर होगी- (60,000) x (5) x (15/26) = 1,73,076 रुपए ग्रेच्युटी के तौर पर मिलेंगे. नियम के मुताबिक 20 लाख रुपए से ज्यादा ग्रेच्युटी नहीं दी जा सकती.
ग्रेच्युटी से जुड़ा ये नियम भी जान लें
ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी की अनहोनी में जान चली जाए या दिव्यांग हो जाए और दोबारा काम कर पाने में असमर्थ हो तो ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए उस पर 5 साल काम करने का नियम लागू नहीं होता है. ऐसे में नॉमिनी या आश्रित को ग्रेच्युटी की रकम का भुगतान किया जाता है. नौकरी जॉइन करते समय Form F भरकर आप अपनी ग्रेच्युटी राशि के लिए नॉमिनी का नाम दर्ज करा सकते हैं. वहीं अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 4 साल 8 महीने तक काम किया है तो उसकी नौकरी की अवधि को पूरे 5 साल मान लिया जाता है. ऐसे में उसे 5 साल के हिसाब से उसे ग्रेच्युटी का अमाउंट दिया जाता है.