प्राइवेट नौकरी वाले समझें Gratuity का पूरा गणित, छोड़ने पर मिलेगी इतनी रकम
ग्रेच्युटी की समय सीमा को घटाने का सीधा फायदा प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे करीब सवा करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा.
सरकार इस साल के अंत तक ग्रेच्युटी की समय सीमा को घटाने की तैयारी कर रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सरकार इस साल के अंत तक ग्रेच्युटी की समय सीमा को घटाने की तैयारी कर रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
केंद्र सरकार चुनाव से पहले प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों को राहत देने के मूड में है. सूत्रों का दावा है कि सरकार इस साल के अंत तक ग्रेच्युटी की समय सीमा को घटाने की तैयारी कर रही है. अभी किसी भी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को 5 साल नौकरी करने पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है. अब सरकार की तरफ से इस समय सीमा को घटाकर तीन साल करने की तैयारी है. ऐसा हुआ तो करोड़ों कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा. हालांकि, पहले भी ग्रेच्युटी की लिमिट को कम करने की खबरें आती रही हैं.
सवा करोड़ कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकार ग्रेच्युटी की समय सीमा को पांच साल से घटाकर तीन साल करने की प्लानिंग कर रही है. लेकिन कर्मचारी यूनियनों की तरफ से ग्रेच्युटी की समय सीमा को एक साल करने की मांग की जा रही है. इस तमाम खबरों के बीच सबसे अहम यह है कि ग्रेच्युटी है क्या? और नियोक्ता की तरफ से इसकी गणना किस आधार पर की जाती है. ग्रेच्युटी की समय सीमा को घटाने का सीधा फायदा प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे करीब सवा करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा. आइये समझते हैं ग्रेच्युटी का पूरा गणित.
ऐसे होती है ग्रेच्युटी की गणना
ग्रेच्युटी की गणना करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. चुकि ग्रेच्युटी का भुगतान नियोक्ता कंपनी की तरफ से हर पांच साल पर किया जाता है. ऐसे में 5 साल की सर्विस के बाद सर्विस के दौरान हर साल के बदले अंतिम महीने के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर उसे पहले 15 से गुणा किया जाता है. इसके बाद सर्विस में कुल साल और इसके बाद हासिल होने वाली रकम को 26 से भाग देने पर आपकी कुल ग्रेच्युटी की रकम आ जाती है. एक लाइन में यदि आप ग्रेच्युटी निकालने का फॉर्मूला जानना चाहते हैं तो [(अंतिम महीने की बेसिक पे + महंगाई भत्ता) x 15 x सर्विस में दिए गए साल] / 26 से आप ग्रेच्युटी की गणना कर सकते हैं.
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यह है आपकी असल ग्रेच्युटी
उदाहरण के लिए आपने किसी संस्थान में 5 साल 2 महीने नौकरी की तो आपकी पांच साल नौकरी मानी जाएगी. इस दौरान आपकी अंतिम बेसिक पे 25 हजार रुपये है. माना इस पर आपको 15 हजार का महंगाई भत्ता मिलता है. ग्रेच्युटी निकालने के लिए आप पहले 25 हजार और 15 हजार का जोड़ निकालिए. इसे जोड़ने पर आंकड़ा 40 हजार आया. अब इस रकम को 15 से गुणा करने पर कुल रकम 6 लाख आई. इसमें अब आप अपनी सर्विस के कुल साल यानी 5 से गुणा कीजिए. 600000 को 5 से गुणा करने पर 3000000 की रकम आई. आखिर में इसे 26 से भाग कर दीजिए. भाग करने पर 1,15,385 रुपये की रकम आई. यही आपकी असल ग्रेच्युटी है, जो कंपनी छोड़ने पर आपको मिलेगी.
क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी कर्मचारी के वेतन यानी सैलरी का वह हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानी एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है. ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है.
04:51 PM IST