ऐसे घटाएं अपने होम और पर्सनल लोन की EMI, ये फॉर्मूला नहीं होगा फेल
Home Loan या Personal Loan लेते समय हम इस बात को नजरंदाज करते हैं कि लोन की लागत कितनी पड़ रही है और उसकी मासिक किस्त यानी EMI का बोझ कितना होगा. आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने पर्सनल और होम लोन की ईएमआई का बोझ कैसे कम कर सकते हैं.
पर्सनल लोन और होम लोन दोनों आजकल कॉमन हैं. तत्काल पैसों की जरूरत हो तो हम पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं और सपनों का घर लेना हो तो होम लोन काम आता है. जरूरत के समय हम इस बात को नजरंदाज करते हैं कि लोन की लागत कितनी पड़ रही है और उसकी मासिक किस्त यानी EMI का बोझ कितना होगा. हमारा फोकस जरूरत पूरी होने पर होता है. आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने पर्सनल और होम लोन की ईएमआई का बोझ कैसे कम कर सकते हैं.
लोन लेने से पहले ब्याज और दूसरे चार्जेज की करें तुलना
पर्सनल लोन हो या होम लोन- लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) की ब्याज दरों की तुलना कर लीजिए. यह भी देखिए कि वह आपसे प्रोसेसिंग सहित दूसरे किस तरह के चार्जेज वसूल रहे हैं. विभिन्न वेबसाइट आपको ब्याज और चार्जेज की तुलना करने की सुविधा उठाते हैं. सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर मणिकरन सिंघल कहते हैं कि तुलना करने पर लोन लेने वाले पहले से ही यह समझ सकते हैं कि उन्हें किस बैंक से लोन लेना जेब पर भारी नहीं पड़ेगा और किसकी ईएमआई कम होगी.
लोन की अवधि ज्यादा और कम होने के नफा-नुकसान
आप होम लोन लें या पर्सनल लोन, उसकी अवधि जितनी अधिक होगी आपको ईएमआई भी उतनी ही कम देनी होगी. लेकिन, यहां गौर करने की बात यह है कि अवधि ज्यादा होने से आपको ब्याज के तौर पर ज्यादा पैसे देने होंगे. उदाहरण के तौर पर अगर आप 11 फीसदी के ब्याज पर 5 लाख रुपये का लोन तीन साल के लिए लेते हैं तो आपकी ईएमआई लगभग 16,369 रुपये होगी. वहीं, अगर इस लोन की अवधि पांच साल होगी तो आपको 10,871 रुपये देने होंगे. अवधि बढ़ने से आपकी ईएमआई का बोझ कम हो जाता है लेकिन इसका जरा दूसर पहलू भी देखते हैं. तीन साल के लोन के मामले में आप कुल मिलाकर लगभग 89,297 रुपये का ब्याज चुकाते हैं वहीं अवधि पांच साल होने पर ब्याज की रकम बढ़कर 1.52 लाख रुपये हो जाती है. अपना नफा-नुकसान देखकर ही लंबी या छोटी अवधि का चयन करना उचित रहेगा.
प्री-पेमेंट/पार्ट पेमेंट का लें सहारा
सिंघल कहते हैं कि अगर आपने पर्सनल लोन या होम लोन लिया है और उसकी ईएमआई का बोझ खत्म या कम करवाना चाहते हैं तो इसका सबसे बेहतरीन तरीका है प्री-पेमेंट और पार्ट-पेमेंट. प्री-पेमेंट आप लोन शुरू होने के जितने कम समय बाद करेंगे आपको उतना ही फायदा होगा. इन दोनों लोन के शुरुआती वर्षों में ही सबसे ज्यादा ब्याज जाता है. अगर पर्सनल लोन 3 साल का है और आप पहले साल में ही कुछ पैसे बचाकर पार्ट-पेमेंट करते हैं तो आपकी ईएमआई घट जाएगी और ब्याज का भुगतान भी घटेगा. यही फॉर्मूला होम लोन पर भी लागू होता है. होम लोन के मामले में एक तरीका यह भी है कि आप अपना होम लोन किसी ऐसे बैंक में ट्रांसफर करवाएं जिसकी ब्याज दरें कम हैं. दूसरा, अगर आपको होम लोन अभी बेस रेट पर आधारित है तो उसे एमसीएलआर पर आधारित लोन में ट्रांसफर करवाएं, आपकी ईएमआई का बोझ घट जाएगा.