Tax Saving Options: इन 5 सलाह पर अमल कर बचाएं अपना टैक्स, सैलरी में शामिल करें ये अलाउंसेज
हमारी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाता है. आपके भी दिमाग में ये बात जरुर आती होगी कि एक ही चीज के लिए आपको बार-बार टैक्स देना पड़ता है तो आज हम आपको ऐसे कुछ कमाल की जानकारी बता रहे हैं. जिससे आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं.
Tax Saving Options: हमारी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाता है. अपनी मेहनत के पैसे टैक्स देना किसी को भी अच्छा नहीं लगता। आपके भी दिमाग में ये बात जरुर आती होगी कि एक ही चीज के लिए आपको बार-बार टैक्स देना पड़ता है और हम सब ये सोचते हैं कि काश हम इस टैक्स से बच जाते. कई बार जानकारी न होने के कारण भी कई तरह के टैक्स कट जाते हैं. जैसे जब हम रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं वहां फूड चार्ज के अलावा हमारा GST और सर्विस चार्ज कटता है. जहां हम सर्विस चार्ज के लिए साफ तौर पर मना कर सकते हैं. इसके लिए हमें रेस्टोरेंट का मालिक भी जिद नहीं कर सकता. फाइनेंशियल एडवाइजर निखत परवीन ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बता रही हैं. जिससे आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं.
पैसे बचाने के 5 मंत्र
यदि आप कहीं प्राइवेट या सरकारी ऑफिस में काम करते हैं तो यह जानकारी आपके काम आएगी। टैक्स बचाने के लिए आप कई तरह के अलाउंस को शामिल कर अपना टैक्स बचा सकते हैं। कई ऐसी कंपनियां हैं जो जुलाई के दौरान भी सैलरी कंपोनेंट में बदलाव की सुविधा देती हैं. यदि पिछले साल आपने टैक्स से जुड़ी गलतियां की हैं तो आप हमारी इन 5 सलाह पर अमल कर अपना टैक्स बचा सकते हैं.
House Rent Allowance
कई कंपनी अपने कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस देती है. यह आपकी बेसिक सैलरी का 40-50 % तक होता है. जब आप टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो उसमें आपको हाउस रेंट अलाउंस की रकम पर टैक्स में छूट मिलती है.
कितनी हो सकती है छूट?
1) कुल HRA पर
2) मेट्रो शहरों में सैलरी का 50 प्रतिशत हिस्सा, नॉन-मेट्रो शहरों में सैलरी का 40 प्रतिशत
3) वार्षिक सैलरी का 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा
डॉक्यूमेंट्स
HRA पर छूट केवल सभी किराए की रसीदों या मकान मालिक द्वारा दिए गए रेंट अग्रीमेंट पर मान्य है. अगर किराया 1 लाख रुपये सालाना से ज्यादा है तो यह जरूरी है कि एंप्लॉयी मकान मालिक का पैन कार्ड रिपोर्ट करें.
Travel Allowance और Conveyance Allowance
टैक्स बचाने का एक कारगर जरिया है Travel Allowance या फिर Conveyance Allowance. कंपनी अपने कर्मचारी को ट्रांसपोर्ट भत्ता (Travel Allowance और Conveyance Allowance) कई नामों से आपका ट्रैवलिंग में होने वाला खर्च देती है. कंपनी यह अलाउंस आपको घर से ऑफिस आने-जाने के लिए देती है. वैसे तो यह अलाउंस भी आपकी सैलरी का हिस्सा ही है, लेकिन अगर आप इसे अलाउंस की तरह लेते हैं तो उस पर आप Tax छूट पा सकते हैं. कुछ कंपनियों आपके कन्वेंस अलाउंस को रीइम्बर्समेंट कर देती हैं. ऐसे में इन पैसों पर टैक्स लगना तो दूर, इसे आपकी सैलरी में टैक्स डिडक्शन के लिए शामिल नहीं किया जाता है.
Food Coupons, Meal Vouchers
कई कंपनी अपने एम्पलॉयी को फूड कूपन या मील वाउचर कूपन देती हैं, जिनके तहत रोजाना 100 रुपये तक का कूपन आपको मिलता है. यह कूपन आपको रीइम्बर्समेंट के रूप में मिलता है.
Car Maintenance
कंपनियां अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को कार मेंटेनेंस अलाउंस देती हैं. जिससे कर्मचारी को कार के मेंटेनेंस, उसके डीजल या पेट्रोल का खर्च और ड्राइवर की सैलरी मिलती है. कर्मचारियों को 2700 रुपये से लेकर 3300 रुपये तक प्रति महीने छूट मिलती है. कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को कार मेंटेनेंस अलाउंस देती हैं.
Travel Leave
कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को लीव ट्रैवल अलाउंस देती हैं. आप आईटीआर फाइल करते समय इसका फायदा ले सकते हैं. आपको कहीं घूमने जाने के लिए अलाउंस मिलता है. आप 4 साल में 2 बार लंबे टूर पर घूमने जा सकते हैं. इस टूर का जो खर्च होगा उस पर एक तय सीमा तक आपको टैक्स छूट मिलेगी. यह सीमा आपके लीव ट्रैवल अलाउंस के बराबर हो सकती है. इसके लिए आपको अपनी सैलरी में लीव ट्रैवल अलाउंस जोड़ना होगा.