Holi से सीखें मनी मैनेजमेंट, मुनाफे से सराबोर रहेगा आपका पोर्टफोलियो
Holi Money Management Tips: होली से हम मनी मैनेजमेंट के 5 अहम गुर सीख सकते हैं, जिसके चलते सालोंसाल आपका पोर्टफोलियो मुनाफे से सराबोर रहेगा.
Holi Money Management tips: रंगों का त्योहार होली देश का एक सबसे पॉपुलर पर्व है. भारत के साथ-साथ यह पड़ोसी देशों के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है. होली का अपना सांस्कृतिक महत्व है. कोरोना महामारी के लड़कर आगे बढ़ते देश में इस साल होली का जोश बढ़-चढ़कर देखा जा रहा है. होली जहां हमें मन की कड़वाहट मिटाकर मिलकर सेलिब्रेट करने का संदेश देता है, वहीं यह कई तरह के फाइनेंशियल सबक भी सिखाता है. होली से हम मनी मैनेजमेंट के 5 अहम गुर सीख सकते हैं, जिसके चलते सालोंसाल आपका पोर्टफोलियो मुनाफे के रंग से सराबोर रहेगा.
डाइवर्सिफिकेशन का रंग शामिल करें
रंगों का त्योहार होली (Holi) वसंत के कलरफुल सीजन की शुरुआत को दर्शाता है. इसलिए रंगों के साथ मनाया जाता है. होली के अलग-अलग रंग जिस तरह त्योहर के उत्साह को बढ़ाते हैं, उसी तरह निवेश पोर्टफोलियो में भी डाइवर्सिफिकेशन होना चाहिए. एक संतुलित पोर्टफोलियो में हर एसेट क्लॉस स्टॉक, बॉन्ड, रीयल्टी, गोल्ड समेत अन्य इन्स्ट्रूमेंट्स शामिल रहते हैं.
निवेश का सुरक्षित तरीका अपनाएं
हद से ज्यादा सावधानी होली (Holi) के उत्साह को कम कर सकती है. हालांकि, किसी भी त्योहार को हमें सुरक्षित तरीके से मनाना चाहिए. हर व्यक्ति को ऑर्गेनिक कलर से खेलना चाहिए जिससे कि दूसरों को नुकसान न हो और हेल्थ पर बुरा असर पड़े. ठीक इसी तरह का रवैया निवेश के मामले में भी रखना चाहिए अगर आपको मनी मैनेजमेंट की अच्छी समझ नहीं है, तो बेहतर है कि आप फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लें. यह आपके पैसे को सेफ रखते हुए बेहतर रिटर्न पाने की सलाह देगा.
निवेश में घोलें मिठास
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होली (Holi) सिर्फ रंगो और गुलाल का त्योहार नहीं है, बल्कि गुजिया और ठंडई जैसे डेजटर्स की मिठास भी इसमें शामिल रहती है. इन्हें बनाने में समय लगता है, जिसकी पहले से तैयारी की जाती है. इसी तरह निवेश को भी बड़ा होने और उससे अच्छा रिटर्न मिलने में समय लगता है. इसलिए वेल्थ क्रिएशन के लिए लंबी अवधि तक निवेश की मिठास चुने. रातोंरात या कुछ हफ्तों में पैसा नहीं बन जाता है. अगर आप धैर्य रखते हैं, तो आपको निश्चित रूप से अपने निवेश की मिठास चखने को मिलेगी.
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निवेश की बुराइयों को खत्म करें
किंवदंती है कि, होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के उत्सव के रूप में जाना जाता है, जो होलिका दहन (Holika Dahan) के संदर्भ में है. इसमें राजा हिरण्यकश्यप अपनी बहन होलिका को आदेश देता है कि वह उसके बेटे प्रह्लाद के साथ जलती हुई चिता में प्रवेश करे, क्योंकि उसने अपने पिता के बजाय भगवान विष्णु की पूजा करने का फैसला किया था. जब होलिका ने अपने भतीजे प्रह्लाद के साथ जलती हुई चिता में प्रवेश किया; हिरण्यकश्यप को यकीन था कि प्रह्लाद की मृत्यु हो जाएगी, लेकिन भगवान विष्णु के प्रति प्रह्लाद की भक्ति के चलते ऐसा नहीं हुआ. होलिका जल गई लेकिन प्रह्लाद जीवित रहा. इसलिए बुराई पर अच्छाई की जीत है. इसी तरह, आपके निवेश के मामले में भी हमें उन गलतियों को रोकना चाहिए जो आपके वेल्थ क्रिएशन में बाधा बन सकते हैं. जैसेकि, कम जानकारी, जल्दबाजी में रिडम्प्शन, अफवाहों पर फैसले करना, छिटपुट निवेश और मार्केट टाइमिंग जैसी गलतियों को दूर करना चाहिए.
निवेश पर मजबूत रखें अपनी पकड़
बुरा न मानो, होली है, यह होली का सबसे पॉपुलर तकिया कलाम है. इसका मतलब है कि लोग अपने बीते हुए कल को पीछे छोड़कर आगे देखते हैं. सभी मतभेदों को भूलकर नए रिलेशन बनाते हैं. वे परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ मिलकर त्योहार की खुशियां मनाते हैं. इसी तरह, अपने निवेश और निवेश पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए. अपने एसेट क्लास की परफॉर्मेंस का आकलन करिए. अगर उसकी परफॉर्मेंस लगातार अच्छी नहीं है, तो वह आपके फाइनेंशियल गोल हासिल करने में बाधक बन सकता है. इसकी समीक्षा करते हुए जरूरी बदलाव पोर्टफोलियो में करने चाहिए.
(सोर्स: मनी मैनेजमेंट के ये टिप्स मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ब्लॉग से लिए गए हैं.)
08:30 AM IST