हम हमेशा से सुनते आए हैं, जितनी ज्यादा ताकत उतनी बड़ी जिम्मेदारी. क्रेडिट कार्ड भी एक ऐसी ताकत है जिसे जिम्मेदारी के साथ उपयोग किया जाना जरूरी है. जहां आप क्रेडिट कार्ड की लिमिट खत्म कर लेते हैं वहीं आपके कार्ड की ताकत खत्म हो जाती है. इस लिमिट को समझदारी से यूज किया जा सकता है. Bankbazaar बताता है कि कार्ड धारक को 30% से ज्यादा क्रेडिट लिमिट यूज नहीं करना चाहिए. अगर आप 30% से ज्यादा अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का उपयोग कर लेते हैं तो आपका क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो हाई माना जाता है. इसका बुरा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है.

हाई क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो के नुकसान 

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1. ये आपके क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर डालता है. क्योंकि क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट करते समय क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो  (credit utilisation ratio) की अहम भूमिका होती है.

2. बैंक आपको भविष्य में मिलने वाले लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकते हैं. क्योंकि आपका हाई क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो बैंकों को संकेत देता है कि आप कर्ज लेने के आदी हैं. 

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अगर आप अधिकतर क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं, और समय रहते सभी पेमेंट चुका भी देते हैं तो हाई क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो का बड़ा असर यूजर पर पड़ सकता है. क्रेडिट यूटीलाइजेशन को रेश्यो को कम करने के लिए आप अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ा सकते हैं. बैंक आपके पेमेंट हिस्ट्री और पुराने रिकॉर्ड चेक कर समय-समय पर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट अपडेट करते हैं. आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के फायदे और नुकसान.

बढ़ी क्रेडिट कार्ड लिमिट के फायदे

1. क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो आपके क्रेडिट स्कोर के व्युत्क्रमानुपाती (inversely proportional) होता है. इसलिए बढ़ा क्रेडिट स्कोर अपने आप क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो को कम कर देता है. 

2. ज्यादा क्रेडिट लिमिट किसी भी तरह की इमरजेंसी जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी आदि में बेहद काम आ सकती है. हमेशा आपके पास बैकअप की तरह काम करती है. इसके अलावा आप ऐसे हाई वैल्यू गुड्स खरीद सकते हैं जो शायद आप एक बार में पेमेंट करने में असमर्थ हों.

बढ़ी क्रेडिट कार्ड लिमिट के नुकसान 

1. ज्यादा क्रेडिट लिमिट ज्यादा खर्चों को बढ़ावा देती है. क्रेडिट लिमिट बढ़वाने की वजह क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो कम करना थी तो बढ़ते खर्च से ये लिमिट हाई भी हो सकती है.

2. हाई क्रेडिट लिमिट के चलते बढ़े खर्चों का पेमेंट एक बार में करना मुश्किल हो सकता है. जैसे ही आउटस्टैंडिंग पेमेंट अगली साइकिल में जाएगा आपको इस पर भारी ब्याज देना पड़ेगा. 

3. क्रेडिट कार्ड खो जाने की स्थिति में नुकसान भी ज्यादा उठाना पड़ सकता है.