Health Cover: हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को OPD कवरेज से बनाएं मजबूत, इलाज में जेब नहीं होगी ढीली; जानें एक्सपर्ट की राय
Health Insurance with OPD Coverage: बदलते समय के साथ अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां आउट पेशेंट कवरेज भी दे रही हैं, जिसमें हॉस्पिटल के ओपीडी खर्चे भी कवर होते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि आज के समय में हर किसी को ओपीडी कवरेज के साथ हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए.
Health Insurance with OPD Coverage: कोरोना महामारी के बाद की दुनियाभर में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों का फोकस बढ़ा है. महामारी ने यह सिखाया कि किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के समय आने वाली परेशानियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बेहद जरूरी है. इसके साथ ही कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस को लेकर की बढ़ती अवेयरनेस और डिमांड ने भी हेल्थ प्लान्स का कवरेज बढ़ाया है. आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस एक ट्रेडिशनल हेल्थ करवरेज प्लान होता है, जिसमें पॉलिसीधारक केवल तभी क्लेम कर सकता है, जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया हो और उसने अस्पताल में 24 घंटे से ज्यादा समय बिताया हो. इसका मतलब कि पॉलिसी होने के बावजूद, अपनी जेब से कुछ मेडिकल प्रोसेस के लिए पेमेंट करना होगा. बदलते समय के साथ अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां आउट पेशेंट कवरेज भी दे रही हैं, जिसमें हॉस्पिटल के ओपीडी खर्चे भी कवर होते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि आज के समय में हर किसी को ओपीडी कवरेज के साथ हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए. इससे आपका रूटिन हेल्थ खर्च भी हेल्थ पॉलिसी में कवर हो जाती है.
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेड (हेल्थ इंश्योरेंस) अमित छाबड़ा का कहना है, इंश्योरेंस कंपनियां अब ओपीडी इलाज के लिए भी प्लान ऑफर कर रही हैं. आज, कोई भी अलग-अलग प्लान में से जो आउट पेशेंट कवरेज देता है, उसे चुन सकता है. ये प्लान एक बार के अस्पताल के दौरे की तुलना में कम खर्च पर मंथली ओपीडी कवरेज देते हैं. साथ ही ये आपके अस्पताल दौरे के लिए सेमडे पेमेंट की दिक्कत भी नहीं होती है. इस तरह के प्लान से ओवर-द-काउंटर मेडिसिन की बजाय लोग सही ट्रीटमेंट कराने के लिए प्रोत्साहित होते हैं. IRDAI के मुताबिक, भारत में सभी मेडिकल बिल्स में से करीब 62 फीसदी का भुगतान जेब से किया जाता है.
क्या है OPD खर्च?
छाबड़ा के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों से ओपीडी कवरेज में बीमाधारक अस्पताल में भर्ती होने के दौरान किए गए खर्च के अलावा अन्य खर्चों के लिए क्लेम फाइल कर सकता है. ओपीडी के अंतर्गत मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह पर इलाज के लिए किसी क्लिनिक, अस्पताल या संबंधित सुविधा से जुड़े खर्चें शामिल होते हैं. इसके लिए व्यक्ति को एक मरीज के रूप में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है. बीमित व्यक्ति ओपीडी कवर की मदद से अस्पताल में भर्ती होने के दौरान किए गए खर्चों के अलावा अन्य खर्चों के लिए क्लेम कर सकता है. इसके अलावा, ये योजनाएं स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की तुलना में ज्यादा टैक्स बेनेफिट देती हैं.
OPD कवर किसे खरीदना चाहिए?
छाबड़ा कहते हैं, हर कोई जिसे अस्पताल में भर्ती हुए बिना मेडिकल देखभाल की जरूरत हो सकती है, उसके पास ओपीडी कवरेज होना चाहिए. यह आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस का मैक्सिमम बेनेफिट उठाने में मदद करता है. इसमें वायरल बुखार जैसी मामूली बीमारियों के साथ-साथ मधुमेह, पीठ दर्द जैसे कुछ पुराने विकारों के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं शामिल हैं. हालांकि, ये ध्यान देना चाहिए कि केवल नेटवर्क क्लीनिक और अस्पताल ही ओपीडी इलाज को कवर करते हैं. आपको एक ही साल के भीतर मैक्सिमम लिमिट में कई ओपीडी के खर्चों को क्लेम कर सकते हैं.
ओपीडी कवरेज अक्सर बाजार में दो अलग-अलग तरह से मिलता है. क्लोज्ड नेटवर्क और ओपन नेटवर्क ओपीडी पॉलिसी. ओपन नेटवर्क इंश्योरेंस में कस्टमर किसी भी ओपीडी में जाने और फीस पेमेंट का क्लेम ले सकता है. क्लोज्ड नेटवर्क ओपीडी कवर आमतौर पर ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि वे आपको सभी तरह के बेनेफिट सस्ती कीमत पर देते हैं.