Health Insurance: जिंदगी में आपके साथ कब क्या हो जाए, इसके बारे किसी को कुछ पता नहीं है. ऐसे में अगर आपकी हेल्थ अचानक से बिगड़ जाए या आपको कोई गंभीर बीमारी हो जाए, तो क्या आप इसके लिए तैयार हैं? जी हां, कोरोना महामारी के बाद हम सभी को हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत तो पता चल गई है, लेकिन क्या हमारा हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) वाकई में हर परिस्थिति में हमारा साथ दे पाएगा. इसकी भी पड़ताल जरूरी है. इसलिए कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट खरीदने के पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना चाहिए. 

सही हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) कैसे चुनें?

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अपने लिए सही हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय आपको कई सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है. इसमें आपकी क्या उम्र है? आप किस प्रोफेशन में हैं? किस शहर में रहते हैं और आपकी क्या मेडिकल हिस्ट्री है? इन सभी बातों का आपके हेल्थ इंश्योरेंस पर असर पड़ता है. 

फैमली प्लान या सिंगल प्लान- क्या है बेहतर?

हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय आपको फैमली प्लान लेना चाहिए या सिंगल प्लान, इस पर भी आपको विचार कर लेना चाहिए. अगर आप घर में इकलौता कमाने वाले हैं तो फैमली फ्लोटर प्लान सही है. फैमली फ्लोटर प्लान में स्पाउस, दो बच्चों और माता-पिता को जोड़ सकते हैं. फैमली फ्लोटर प्लान में कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज मिलता है. फैमली फ्लोटर में एक ही प्लान में घर के सदस्यों का इलाज भी हो सकता है. इसमें आप थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देकर माता-पिता को भी प्लान में जोड़ सकते हैं. फैमली फ्लोटर प्लान का प्रीमियम इंडिविजुअल प्लान से सस्ता होता है.

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कितना हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना सही है?

20 साल के उम्र में अगर आप मेट्रो शहर में हैं, तो 5 लाख रुपये का बेसिक प्लान ले सकते हैं. अगर आप रिस्की जॉब, एडवेंचर पसंद हैं, तो एक्सीडेंटल कवर भी जोड़ सकते हैं. वहीं अगर टियर 2,3 शहर में हैं, तो 3 लाख रुपये का बेसिक प्लान ले सकते हैं. बड़े शहर के अस्पताल में इलाज भी महंगा होता है.

30 साल की उम्र में शादी और बच्चों को लेकर अपना प्लान बढ़ाया जा सकता है. ऑफिस मेडिक्लेम पॉलिसी में पार्टनर और बच्चों को जोड़ें. इसके अलावा आप अलग से फैमली फ्लोटर प्लान भी ले सकते हैं. इसमें मेटरनिटी बेनिफिट, पोस्ट नेवल कवर आदि ले सकते हैं. अपने बेसिक प्लान को बढ़ाने के लिए टॉप-अप प्लान ले लें.

40 साल की उम्र में बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है. हार्ट प्रॉब्लेम, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर आदि का खतरा रहता है. ऐसे में 40 साल तक का क्रिटिकल इलनेस प्लान लेना सही है. 

वहीं 50 साल की उम्र में 20 लाख रुपये का टॉप अप सही है. 60 साल में ऑफिस पॉलिसी को पोर्ट करा सकते हैं. सीनियर सिटीजन के लिए बीमा पॉलिसी लेना महंगा पड़ सकता है. इसके लिए बच्चे ऑफिस पॉलिसी में नाम जोड़ सकते हैं. 60 साल में बेसिक प्लान में सुपर टॉप-अप करें, 

हेल्थ इंश्योरेंस में क्या होता है टॉप अप कवर?

टॉप अप कवर इंश्योरेंस पॉलिसी का सप्लिमेंट हेल्थ प्लान होता है. इसमें अफोर्डेबल प्रीमियम में आपके कवर में बढ़ोतरी हो जाती है, जिसके जरिए आप मौजूदा प्लान को टॉप-अप से बढ़ा सकते हैं. टॉप अप प्लान के लिए आपकी मेडिकल स्क्रीनिंग नहीं होती है. इसलिए आप आसानी से ऑनलाइन ही टॉप अप प्लान ले सकते हैं.

क्या होता है सुपर टॉप-अप प्लान?

सुपर टॉप-अप प्लान वास्तव में टॉप-अप प्लान का अपग्रेड रूप है, जो कि टॉप-अप प्लान से थोड़ा महंगा होता है. यह मौजूदा बेसिक प्लान को बढ़ाने का ही एक तरीका है, जो कि टॉप अप प्लान जैसे ही काम करता है.