नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार जल्‍द ही प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना (PM-JAY) का सालाना प्रीमियम प्रति परिवार 1,110 रुपए तय कर सकती है. सरकार इस योजना के लिए 10.74 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये का हेल्‍थ कवर उपलब्‍ध करवाएगी. इससे पहले नीति आयोग ने 1,000-1,200 रुपए इसके प्रीमियम का अनुमान लगाया था. इसमें से भी केंद्र और राज्‍य सरकारों लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत को 6:4 के अनुपात में बाटेंगी. सूत्रों ने बताया है कि प्रीमियम की यह सीमा इस स्‍कीम के ट्रस्‍ट और बीमा - दोनों मॉडल पर लागू होगी.

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क्‍या है ट्रस्‍ट और इंश्‍योरेंस मॉडल में फर्क

अब तक 30 राज्‍यों में से दो-तिहाई राज्‍यों ने ट्रस्‍ट मॉडल को चुना है. एक राज्‍य सरकार के अधिकारी ने बताया कि इससे सरकार पर बोझ बढ़ेगा. अगर ट्रस्‍ट मॉडल के तहत अस्‍पतालों को भुगतान की जाने वाली क्‍लेम की राशि केंद्र/राज्‍य सरकारों के योगदान से ज्‍यादा होता है तो घाटे को दोनों मिलकर साझा करेंगे. वहीं, इंश्‍योरेंस मॉडल के तहत किसी भी तरह का अतिरिक्‍त भुगतान बीमाकर्ता करेगा.

PM-JAY के लिए सरकार पहले ही कर चुकी है फंड की व्‍यवस्‍था

अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना के तहत केंद्र सरकार पर 7,153 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा जो विश्‍लेषकों द्वारा अनुमानित राशि के मुकाबले काफी कम है. चूंकि, इस स्‍कीम को इस वित्‍त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रभावी किया जाएगा इसलिए साल 2018-19 में इसपर लगभग 4,000 रुपए का खर्च आएगा. इस योजना के लिए सरकार तकनीकी तौर पर 2018-19 के लिए फंड का प्रावधान पहले ही कर चुकी है. सरकार ने बजट में राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना (RSBY) के लिए 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था और अतिरिक्‍त 2,000 रुपए के आवंटन के साथ ही प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना के लिए इस वर्ष फंड की व्‍यवस्‍था हो चुकी है.

23 सितंबर को पीएम मोदी करेंगे प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना को रांची में लॉन्‍च

प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना का पायलट स्‍वत्रंता दिवस के दिन लॉन्‍च किया गया था. प्रधानमंत्री इसे औपचारिक तौर पर 23 सितंबर को रांची में लॉन्‍च करेंगे. इस योजना का लक्ष्‍य लगभग 50 करोड़ वंचित लोगों यानी देश की जनसंख्‍या के लगभग 40% को मुफ्त में सेकंडरी और टर्शियरी ट्रीटमेंट उपलब्‍ध कराना है.