इस समय बैंकों की फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) पर मिलने वाला ब्याज सात प्रतिशत के आसपास है. दूसरी ओर एफडी का एक ऐसा विकल्प है जहां 11 प्रतिशत से अधिक ब्याज पाया जा सकता है. एफडी का ये विकल्प दे रही है आपकी रसोई का जाना पहचाना नाम - हॉकिंस कूकर्स लिमिटेड. हॉकिंस कुकर्स एफडी स्कीम लाई है, जिसके जरिए कंपनी 3 साल की जमाओं पर 10.75 प्रतिशत (चक्रवृद्धि प्रतिफल के लिहाज से 11.3%) और एक साल की जमाओं पर 10.25 प्रतिशत ब्याज की पेशकश कर रही है. इस तरह हॉकिंस की एफडी स्कीम में बैंक एफडी के मुकाबले करीब चार प्रतिशत तक अधिक ब्याज पाया जा सकता है.

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बैंक एफडी से अंतर 

अब आप सोच रहे होंगे कि जब चार प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिल रहा है तो कोई बैंक एफडी क्यों लेना चाहेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि कंपनियों की एफडी योजनाओं सिक्योर नहीं होती हैं. बैंक में आपका एक लाख रुपया सिक्योर होता है, जबकि किसी भी डिफाल्ट की स्थिति में प्रमोटर होने के नाते सरकार उन्हें बचाने के लिए आगे आती है. जैसा कि हाल के दिनों में कई मामलों में देखा गया. दूसरी ओर कंपनियों की एफडी योजनाओं पर ऐसी कोई गारंटी नहीं होती.

अच्छी रेटिंग, कम जोखिम 

हालांकि हॉकिंस की एफडी स्कीम की रेटिंग काफी अच्छी है. आईसीआरए ने इसे एमएए रेटिंग दी है. इसका मतलब है कि इस डिपॉजिट के साथ बहुत कम जोखिम हैं. इस एफडी योजना के तहत कंपनी अपने मैंबर्स से 6.51 करोड़ रुपये और 16.29 करोड़ रुपये आम जनता से जुटा रही है. इसमें न्यूनतम 25000 रुपये जमा किए जा सकते हैं. हॉकिंस की स्थापना 1959 में हुई थी और अपने प्रेशर कुकर्स की वजह से ये घर-घर का जाना पहचाना नाम है.

क्या हैं जोखिम? 

कंपनी की एफडी स्कीम 18 सितंबर 2018 से खुली है और ये स्कीम इसलिए आकर्षक है क्योंकि बैंक एफडी और कई कॉरपोरेट एफडी के मुकाबले इसकी ब्याज दर आकर्षक है और कंपनी का ट्रेक रिकॉर्ड भरोसेमंद है. इसमें जोखिम भी कम है. इसके बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी किसी भी योजना के साथ कुछ जोखिम तो जुड़े ही होते हैं और जब आप आकर्षक ब्याज के लिए ये एफडी लेते हैं, जो उनसे जुड़े जोखिमों को भी ध्यान में जरूर रखना चाहिए.

जहां तक हॉकिंस की बात है तो वो काफी जानी पहचानी कंपनी है. उसका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और वो काफी मुनाफे में रही है. कंपनी ने अपने लंबे इतिहास में कभी डिफाल्ट नहीं किया है. उसके लिए कर्ज चुकाना कोई बड़ी बात नहीं है. बस चिंता की बात इतनी है कि कंपनी की एफडी को बैंक एफडी जितना सुरक्षित नहीं माना जाता है. इसलिए अच्छा होगा कि आप अपनी पूरी जमा पूंजी इसमें न लगाएं, बल्कि एक छोटा हिस्सा, जैसे 20 प्रतिशत इसमें जरूर जमा कर सकते हैं.