LIC GST Notice: देश की प्रमुख सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) लगातार चर्चा में है, लेकिन गलत वजहों से. सरकारी कंपनी पर लगातार माल एवं सेवा कर (GST) प्राधिकरण की निगाहों में बनी हुई है. पिछले हफ्तों में कंपनी को पहले ही दो टैक्स डिमांड नोटिस मिल चुके हैं, और अब प्राधिकरण ने कंपनी को तीसरा नोटिस भी भेज दिया है. अथॉरिटी ने एलआईसी पर 36,844 रुपये का जुर्माना लगाया है.

क्यों लगा है जुर्माना?

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बीमा कंपनी LIC ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया कि उसे जम्मू-कश्मीर के लिए ब्याज और जुर्माने के साथ जीएसटी कलेक्शन के लिए एक संचार/मांग आदेश मिला है. राज्य कर अधिकारी, श्रीनगर की ओर से 9 अक्टूबर, 2023 के नोटिस के अनुसार, LIC ने कुछ बिलों (इन्वॉइस) पर 18 प्रतिशत के बजाय 12 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान किया.

कर प्राधिकरण ने 2019-20 के लिए मांग आदेश व जुर्माना नोटिस जारी किया है. इसमें जीएसटी 10,462 रुपये, जुर्माना 20,000 रुपये और ब्याज 6,382 रुपये है. नोटिस को लेकर सरकारी बीमा कंपनी ने कहा है कि इससे निगम की वित्तीय, परिचालन संबंधी या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

LIC को मिले हैं लंबे-चौड़े नोटिस

एलआईसी पर इससे ज्यादा लंबे-चौड़े जीएसटी नोटिस थोपे जा चुके हैं. कंपनी को सितंबर 290 करोड़ का जीएसटी नोटिस मिला था. बिहार- एडिशनल कमिश्नर स्टेट टैक्स (अपील), सेंट्रल डिवीजन ने 290 करोड़ का नोटिस भेजा था, जिसमें 168.8 करोड़ जीएसटी, 107.1 करोड़ रुपये ब्याज और 16.7 करोड़ के पेनाल्टी का डिमांड नोटिस है. आरोप है कि LIC ने पॉलिसीहोल्डर्स की ओर से मिले प्रीमियम पर जो इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया उसे रिवर्स नहीं किया, साथ ही कुछ और उल्लंघन भी सामने आए हैं.

अभी अक्टूबर में कंपनी को कई असेसटमेंट ईयर के लिए 84 करोड़ का इनकम टैक्स पेनाल्टी नोटिस मिला है. 2012-13 के लिए 12.61 करोड़, 2018-19 के लिए 33.82 करोड़ और 2019-20 के लिए 37.58 करोड़ का नोटिस भेजा गया था.

(एजेंसी से इनपुट)

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