GST ने टैक्स कंप्लायंस को आसान बनाया, Tax कलेक्शन बढ़ा, फर्जी ITC जेनरेशनअभी भी चुनौती
GST: जीएसटी देश में 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था. इसने 17 टैक्स और 13 सेस को 5-टायर स्ट्रक्चर में व्यवस्थित किया, जिससे टैक्स रिजीम आसान हो गई.
GST: 7 साल पहले पेश किए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) ने कंप्लायंस को आसान बनाया, टैक्स कलेक्शन बढ़ा और राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी हुई. विशेषज्ञों ने साथ ही जोड़ा कि फर्जी चालान (Fake Invoices) और धोखे से पंजीकरण की घटनाएं अभी भी टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. GST देश में 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था. इसने 17 टैक्स और 13 सेस को 5-टायर स्ट्रक्चर में व्यवस्थित किया, जिससे टैक्स रिजीम आसान हो गई.
इसके तहत रजिस्ट्रेशन के लिए कारोबार की सीमा वस्तुओं के लिए 40 लाख रुपये और सेवाओं के लिए 20 लाख रुपये हो गई. वैट के तहत यह सीमा औसतन 5 लाख रुपये से ऊपर थी. जीएसटी ने राज्यों में 495 अलग-अलग प्रस्तुतियों (चालान, फॉर्म, घोषणाएं आदि) को भी घटाकर सिर्फ 12 कर दिया है.
7 वर्षों में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 2017 में 65 लाख से बढ़कर 1.46 करोड़ हो गई है. GST से औसत मासिक राजस्व 2017-18 में लगभग 90,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में लगभग 1.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार GST ने टैक्स उछाल को 0.72 (जीएसटी से पहले) से बढ़ाकर 1.22 (2018-23) कर दिया है. मुआवजा खत्म होने के बावजूद, राज्यों का कर उछाल 1.15 पर बना हुआ है. जीएसटी के बिना, वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक राज्यों का राजस्व 37.5 लाख करोड़ रुपये होता. जीएसटी के बाद राज्यों का वास्तविक राजस्व 46.56 लाख करोड़ रुपये था.
ये आइटम्स हैं टैक्स फ्री
वर्ष 2017 से प्रभावी भारित औसत GST रेट्स में लगातार गिरावट आई है और जीएसटी ने कई आवश्यक वस्तुओं पर करों को जीएसटी से पहले की तुलना में कम कर दिया है. केश तेल और साबुन जैसी आम वस्तुओं पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया. बिजली के उपकरणों पर कर 31.5% से घटाकर 12% कर दिया गया. जीएसटी ने कई आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छूट दी है, जैसे बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थ, कुछ जीवन रक्षक दवाएं, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन, सैनिटरी नैपकिन, श्रवण यंत्र के पुर्जे, कृषि सेवाएं आदि.
1.98 लाख करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी
दूसरी ओर टैक्स चोरी करने वाले सरकारी खजाने को चूना लगाने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं. टैक्स अधिकारी फर्जी चालान बनाने और फर्जी जीएसटी पंजीकरण की घटनाओं से जूझ रहे हैं. वर्ष 2023 में जीएसटी खुफिया निदेशालय (DGGI) ने 1.98 लाख करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का पता लगाया और सरकारी खजाने को चूना लगाने में शामिल 140 साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया. ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, बीमा और सेकंडमेंट (मानवशक्ति सेवाओं का आयात) जैसे विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जीएसटी चोरी का पता चला.
जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना से उद्योग के लिए विवाद समाधान प्रक्रिया आसान और तेज होने की उम्मीद है. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने कहा,विभिन्न सरकारी विभागों में 6,800 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने सहित क्षमता निर्माण में हमारे प्रयास एक कुशल और पारदर्शी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहे हैं.