टैक्स अधिकारियों ने GST के अंतर्गत करीब 10,700 फर्जी रजिस्ट्रेशन का पता लगाया है, जिनमें 10,179 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी शामिल है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सदस्य शशांक प्रिय ने कहा कि GST रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अथेंटिकेशन पहले से ही 12 राज्यों में लागू है और 4 अक्टूबर तक अन्य चार राज्य को भी इसमें शामिल किया जाएगा. आखिर में मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित 20 राज्य आधार प्रमाणीकरण शुरू करेंगे. 

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एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के एक कार्यक्रम में शशांक प्रिय ने कहा कि भविष्य में टैक्स अधिकारी नए करदाताओं पर उनके जोखिम ‘प्रोफाइल’ के आधार पर कुछ पाबंदियां भी लगा पाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ वे एक महीने में कितने ‘बिल’ जारी कर सकते हैं, हम भविष्य में उसपर भी कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं... हम इस प्रणाली के दुरुपयोग से बेहद दुखी हैं. हमें इन्हें रोकने के लिए सभी संभव तरीकों का इस्तेमाल करना होगा.’’ 

CBIC के अधिकारी ने कहा कि सरकार फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच के लिए टारगेटेड कार्रवाई कर रही है और ज्यादा फिजिकल सत्यापन हो रहा है. फर्जी पंजीकरण के खिलाफ 16 अगस्त से शुरू हुआ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा.  उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों ने 67,970 CBICIN (माल एवं सेवा कर पहचान संख्या) की पहचान की है. इनमें से 59 फीसदी CBICIN या 39,965 का सत्यापन 22 सितंबर तक हो चुका है.

उन्होंने कहा, ‘‘इनमें 27 प्रतिशत ऐसे संस्थान पाए गए हैं जो अस्तित्व में ही नहीं हैं. यह प्रतिशत पिछले अभियान की तुलना में करीब समान है. हमने 10,179 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है. 2,994 करोड़ रुपये की इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) को रोका गया है. साथ ही 28 करोड़ रुपये  की वसूली (22 सितंबर तक दूसरे अभियान में) भी की गई है .’’ फर्जी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ पहला अभियान 16 मई से 15 जुलाई, 2023 के बीच चलाया गया था. इसमें जीएसटी पंजीकरण वाली कुल 21,791 ऐसी इकाइयां पाई गईं थीं जो अस्तित्व में नहीं थीं.