GST काउंसिल की अगली बैठक में हाइब्रिड, फ्लेक्स इंजन कारों पर जल्द टैक्स कटौती पर चर्चा मुश्किल है. मारुति सुजुकी, टोयोटा और होंडा जैसी कंपनियों के लिए यह निगेटिव खबर है. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की ओर से वित्‍त मंत्रालय को प्रस्‍ताव भेजा गया था, जिसमें हाइब्रिड और फ्लेक्‍स फ्यूल इंजर पर GST घटाने की सिफारिश की गई थी. सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि आगामी जीएसटी काउंसिल में यह चर्चा फिलहाल मुश्किल है. जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग 15-30 जून के बीच हो सकती है. 

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ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने फ्लेक्‍स फ्यूल पर GST 28 फीसदी से घटाकर 13 फीसदी करने और हाइब्रिड इंजन पर 28 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की कैटेगरी में रखने का प्रस्‍ताव दिया था. जोकि इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स पर लगने वाले जीएसटी के बराबर है. 

वित्‍त मंत्रालय का इस प्रस्‍ताव पर निगेटिव नजरिया है. सरकार का यह मानना है कि देश में इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर काफी हद तक तैयार हो गया है. जो अभी बाकी है, वो भी धीरे-धीरे तैयार हो रहा है. यह माना जा रहा था कि लोग पहले हाइब्रिड पर शिफ्ट होंगे फिर इलेक्ट्रिक पर आएंगे, वैसा अब देखने को नहीं मिल रहा है. कस्‍टमर सीधे इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट हो रहे हैं.  

EV को बूस्‍ट देने पर सरकार का फोकस  

सरकार का यह मानना है कि हाइब्रिड इंजन फ्यूल को सीधे तौर पर इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स की कैटेगरी में नहीं रखा जाएगा. ऐसे में इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स बनाने वाली कंपनियां और सरकार का इसको लेकर को मकसद है उसमें देरी होगी. लोग हाइब्रिड पर ज्‍यादा शिफ्ट होंगे. इसलिए हाइब्रिड व्‍हीकल्‍स पर GST 5 फीसदी करने के प्‍लान पर जल्‍द सहमति बनती नहीं दिखेगी. इसमें इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स को बूस्‍ट देने की स्‍ट्रैटजी भी एक बड़ी वजह है. इसी तरह फ्लेक्‍स फ्यूल पर भी जीएसटी घटाने की योजना को आगामी जीएसटी काउंसिल में चर्चा मुश्किल है.