GST Council Meet: ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की नजरें आज GST Council की बैठक पर होंगी. आज 2 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की वर्चुअल मीटिंग हो रही है, जिसकी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अध्यक्षता करेंगी. इस मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के प्रावधान की तस्वीर और साफ की जाएगी. 

कहां तक पहुंची है बात?

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ये तो 11 जुलाई की पिछली मीटिंग में साफ हो चुका है कि अब ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग के बेटिंग के कुल वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगी, लेकिन ये टैक्स कैसे लगेगा, मॉडेलिटीज़ क्या होंगी, इसपर आज की मीटिंग में चर्चा होनी है. इसके बाद केंद्र और राज्य के टैक्स अधिकारियों वाली कानून समिति ने टैक्स उद्देश्यों के लिए सप्लाई वैल्यू के कैलकुलेशन के के संबंध में जीएसटी परिषद के विचार के लिए मसौदा नियम तैयार किए हैं. सूत्रों के अनुसार समिति ने एक नया नियम जोड़ने का सुझाव दिया है. इसके तहत ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति मूल्य संबंधित इकाई की ओर से पैसे या डिजिटल एसेट के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के पास जमा की गई कुल राशि होगी. इसके अलावा, कसीनो के संबंध में, समिति ने प्रस्ताव दिया है कि आपूर्ति मूल्य संबंधित इकाई के टोकन, चिप्स, सिक्के या टिकट खरीदने के लिए भुगतान की गई राशि होगी. 

विदेशों से काम करने वाली ऑनलाइन कंपनियों पर जीएसटी अधिकारी कैसे टैक्स लगाएंगे, इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि टैक्स नहीं चुकाने वाले ऐसे मंचों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जीएसटी कानूनों में पर्याप्त प्रावधान हैं.

क्या है इंडस्ट्री का रवैया?

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की इस फैसले पर सांसें टंगी हुई हैं. इंडस्ट्री में लगी हुई कंपनियों और संगठनों ने सरकार से जीएसटी रेट को कम करने की अपील की है. ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के एक संगठन 'इंडियन गेमर्स यूनाइटेड' की तहत टियर-2 और टियर-3 शहरों की गेमिंग कंपनियों ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है और कहा है कि 28 फीसदी जीएसटी बहुत अधिक है और इससे अवैध तरीके से काम करने वाली गेमिंग कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा. हाई टैक्सेशन के कारण अवैध गेमिंग और विदेशी मंचों को बढ़ावा मिलेगा. इनसे सरकार को कोई कर नहीं मिलेगा, लेकिन वैध गेमिंग कंपनियां बहुत बड़े संकट में फंस जाएंगी.

संगठन ने जुआ जैसे किस्मत के खेल और गेमिंग जैसे स्किल वाले खेलों के बीच अंतर करने की भी वकालत की. 'इंडियन गेमर्स यूनाइटेड' ने एक बयान में कहा कि गेमिंग एक कौशल आधारित गतिविधि है और इसे जुआ या घुड़दौड़ जैसे किस्मत वाले खेलों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. ऐसे में टैक्सेशन सिस्टम में इस बात का ध्यान रखे जाने की अपील की गई है.

(एजेंसी से इनपुट के साथ)