जो गंगाजल आप किसी कंपनी, दुकान या ऑनलाइन खरीदते हैं तो क्या आपको उसपर जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स देना होता है? इसपर Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) की ओर से स्पष्टीकरण आया है. गंगाजल और पूजा सामग्री पर जीएसटी के प्रावधानों को लेकर जीएसटी के नियम साफ किए गए हैं.

CBIC ने जारी किया बयान

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CBIC ने कहा कि गंगाजल पूजा के लिए देश के हर घर में इस्तेमाल होता है और पूजा सामग्री को देश में जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. बोर्ड ने बताया कि पूजा सामग्री पर जीएसटी को लेकर जीएसटी काउंसिल ने 18-19 मई 2017, और 3 जून, 2017 को अपनी मीटिंग में चर्चा की थी, जिसमें इन्हें छूट की श्रेणी में रखा गया था. ऐसे में जीएसटी की शुरुआत के साथ ही ये आइटम जीएसटी के दायरे से बाहर रहे हैं.

क्यों उठा मुद्दा?

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक ट्वीट कर कहा था कि सरकार ने गंगाजल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया है, जिसके बाद सीबीआईसी की ओर से ये स्पष्टीकरण आई है. यहां जानने वाली बात है कि पैकेज्ड पानी है तो वो जीएसटी के दायरे में आता है. कोई भी कमोडिटी यानी खरीद-बिक्री की जा सकने वाला उत्पाद या सेवा टैक्सेशन के तहत आती है. और गंगाजल भी बोतलों में बिकता है, ऐसे में ये भी एक पैकेज्ड प्रॉडक्ट हुआ.

अगर आप खुद से गंगा नदी से जल भरते हैं तो यहां तो जाहिर है आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अगर गंगाजल पर जीएसटी लागू होता और आप इसे किसी दुकान से, पोस्ट ऑफिस (हां, पोस्ट ऑफिस से भी गंगाजल मंगाया जा सकता है), या ऑनलाइन खरीद रहे होते, तो आपको इसपर टैक्स देना होता. लेकिन चूंकि इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है तो आपको इसपर टैक्स नहीं देना होता है.

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