ऑनलाइन गेमिंग कंपनी डेल्टा कॉर्प ने मंगलवार को कहा कि 23,200 करोड़ रुपये से अधिक की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की मांग मनमानी और कानूनी प्रावधानों के विपरीत है लिहाजा उसने इस कर भुगतान के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है. 

कंपनी ने पेश किए कमजोर नतीजे

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डेल्टा कॉर्प का दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही के लिए एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 34.48 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान कंपनी की परिचालन आय 181.54 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की तुलना में 18 प्रतिशत कम है.

जीएसटी नोटिस से जूझ रही है कंपनी

डेल्टा कॉर्प ने तिमाही के वित्तीय नतीजों के साथ जारी एक टिप्पणी में कहा कि 27 सितंबर को होल्डिंग कंपनी और उसकी दो अनुषंगियों को जीएसटी के कथित कम भुगतान के लिए जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई), हैदराबाद से कारण बताओ नोटिस मिला था. इसमें एक जुलाई, 2017 से 31 मार्च, 2022 की अवधि के लिए कुल मिलाकर 16,822.9 करोड़ रुपये जीएसटी की मांग की थी. 

डेल्टा कॉर्प की एक अन्य अनुषंगी को भी 28 अक्टूबर, 2023 को डीजीजीआई, कोलकाता से एक और नोटिस मिला. इसमें जुलाई, 2017 से नवंबर, 2022 तक की अवधि के लिए कुल 6,384.32 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग की गई थी. इन नोटिस पर डेल्टा कॉर्प ने कहा कि सकल गेमिंग राजस्व के मुकाबले सकल शर्त मूल्य/ सकल अंकित मूल्य पर अधिकारियों का कर मांग करना गेमिंग उद्योग का पुराना मुद्दा है और इस संबंध में उद्योग प्रतिभागियों द्वारा सरकार को कई प्रतिवेदन दिए गए हैं.

गेमिंग कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई एक सूचना में कहा, ‘‘होल्डिंग कंपनी/ अनुषंगी कंपनियों ने रिट याचिकाएं दायर की हैं और संबंधित उच्च न्यायालयों से स्थगन आदेश प्राप्त किए हैं. बिना किसी पूर्वाग्रह के, होल्डिंग कंपनी और उसकी अनुषंगियों का मानना है कि ये सभी नोटिस और कर मांगें मनमानी प्रकृति वाली और कानूनी प्रावधानों के विपरीत हैं.’’ इसके मुताबिक, सभी कंपनियां ऐसी कर मांगों और संबंधित कार्यवाई को चुनौती देने के लिए उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का पालन करेंगी.