दिवाली से पहले ही आ सकती है बड़ी खुशखबरी, Life और Health Insurance पर GST को लेकर होने वाला है अहम फैसला!
GST on life insurance and health insurance may be removed or reduced to 5 percent, meeting to be held in delhi today
काफी वक्त से लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) और हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पर जीएसटी (GST) घटाए जाने की मांग की जा रही है. आज इसे लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की दिल्ली में एक बैठक है. बिहार के उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लाइफ और हेल्थ इश्योंरेंस पर बनी GOM की यह पहली बैठक है.
इस बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस को जीएसटी से बाहर करने या फिर उसकी दर घटाकर 5 परसेंट करने पर विचार किया जाएगा. बता दें कि मौजूदा वक्त में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर लोगों को 18 फीसदी जीएसटी चुकानी पड़ती है.
स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर दर कम करने पर गठित जीओएम की यह पहली बैठक है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई वाला मंत्री समूह बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने के बारे में सुझाव देगा.
एक दूसरी बैठक भी होनी है
चौधरी की अगुवाई में एक अन्य मंत्री समूह की भी बैठक होगी जिसे GST दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित किया गया था. इस बैठक में 12 प्रतिशत स्लैब को कम करने, अधिक वस्तुओं को पांच प्रतिशत कर के दायरे में लाने, चिकित्सा एवं औषधि से संबंधित वस्तुओं, साइकिल और बोतलबंद पानी पर करों को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा होगी. यह मंत्री समूह 12 और 18 प्रतिशत की दरों के विलय की संभावना पर भी चर्चा कर सकता है.
छह सदस्यीय समूह में आम लोगों के इस्तेमाल वाली वस्तुओं पर टैक्स की दर कम करने से राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए गैस-युक्त (एयरेटेड) पानी और पेय पदार्थों जैसी वस्तुओं पर दरें बढ़ाने पर चर्चा होगी. फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर (GST) में करों की चार-स्तरीय संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें हैं.
कैसे तय होती है GST?
GST के तहत आवश्यक वस्तुओं को या तो टैक्स से छूट दी जाती है या फिर सबसे कम स्लैब में रखा जाता है. वहीं विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं को सबसे ऊंचे कर स्लैब में रखा जाता है. इसके साथ ही GST परिषद ने स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने की संभावना तलाशने के लिए भी एक मंत्री समूह गठित किया था.
इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. यह जीओएम बुजुर्गों, मध्यम वर्ग और मानसिक बीमारी वाले लोगों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित स्वास्थ्य/चिकित्सा बीमा की कर दर के बारे में सुझाव देगा.
पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST लगाकर 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था. वहीं स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर GST के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.