असंगठित मजदूरों के लिए 'डोनेट ए पेंशन' स्कीम शुरू, हर महीने मिलेगी 3,000 रुपये की पेंशन, जानें कैसे
Labour Ministry launches Donate-a-Pension: भूपेंद्र यादव ने सोमवार को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan Scheme) के तहत नई दिल्ली में ‘डोनेट-ए-पेंशन’ (Donate-a-Pension) स्कीम की शुरुआत की.
Labour Ministry launches Donate-a-Pension: केंद्र सरकार ने अंसगठित क्षेत्र मजदूरों के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री (Union Labour and Employment Minister) भूपेंद्र यादव ने सोमवार को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan Scheme) के तहत नई दिल्ली में ‘डोनेट-ए-पेंशन’ (Donate-a-Pension) स्कीम की शुरुआत की.
7 मार्च से शुरू किया गया यह कार्यक्रम 13 मार्च तक चलाया जाएगा. इस स्कीम के तहत नागरिक घरेलू कामगारों, ड्राइवरों, घरेलू नौकरों सहित कर्मचारियों के लिए प्रीमियम का दान कर सकते हैं. भूपेंद्र यादव ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने अपने घर पर माली को पेंशन दान देकर डोनेट-ए-पेंशन प्रोग्राम की शुरुआत की. यह PM-SYM पेंशन स्कीम के तहत एक पहल है.
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स्कीम से लाखों मजदूरों को होगा फायदा
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के द्वारा आज आईकॉनिक वीक की शुरूआत हो रही है जिसके तहत एक स्कीम 'डोनेट ए पेंशन' शुरू की गई है. इसमें देश के असंगठित क्षेत्र में जो श्रमिक है उनके लिए ई-श्रम रजिस्ट्रेशन की शुरूआत हुई है. इस स्कीम से लाखों मजदूरों को फायदा मिलने की उम्मीद है.
जानिए कौन करा सकता है रजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत अगर 18-40 आयु वाले असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिक रजिस्ट्रेशन कराते हैं, तो उन्हें साल के न्यूनतम 660 से 2400 रूपए जमा कराने होंगे. जो उनके लिए कोई और भी जमा करा सकता है. पैसा जमा होने के बाद उनके आयु वर्ग के हिसाब से 60 साल के बाद 3,000 रुपये उन्हें पेंशन के रूप में दिए जाएंगे, जिससे बुढापे में उन्हें अपनी जीवन बस करने में काफी मदद मिलेगी.
उमंग ऐप पर हुआ ई-श्रम का शुभारंभ
इस मौके पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने उमंग ऐप पर ई-श्रम का शुभारंभ भी किया. अनौपचारिक क्षेत्र में चार सौ विभिन्न व्यवसायों में काम कर रहे 25 करोड़ से अधिक कामगारों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. सरकार ऐसे मजदूरों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लगातार अपनी सरकारी योजनाओं में अहम बदलाव करती रही है.