सरकार ने लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में इजाफा किया है. सरकार ने योजनाओं की ब्याज दरों कई वर्षों बाद वृद्धि की है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) समेत लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 0.4 प्रतिशत तक बढ़ा दी है. 

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यह निर्णय लघु बचत को प्रोत्साहित करने तथा वरिष्ठ नागरिकों एवं बच्चियों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को तिमाही के आधार पर संशोधित किया जाता है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर कहा कि यह कदम छोटी बचत करने वालों की मदद करने के लिए उठाया गया है. उन्होंने कहा, ‘इससे बच्चियों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा तथा बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. सरकार ने एक अक्तूबर से सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 8.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया है.’ 

लगभग सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें एक अप्रैल 2012 से लगातार कम हो रही थीं. ब्याज दरें कम होने से लोगों का रुझान भी इन योजनाओं से कम हो रहा था. 

वित्त मंत्रालय ने जारी अधिसूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें संशोधित की जाती हैं. पांच वर्ष की सावधि जमा, आवर्ती जमा और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की ब्याज दरें बढ़ाकर क्रमश: 7.8 प्रतिशत, 7.3 प्रतिशत और 8.7 प्रतिशत कर दी गई हैं. हालांकि बचत जमा के लिए ब्याज दर चार प्रतिशत बरकरार है.

पीपीएफ और एनएससी पर मौजूदा 7.6 प्रतिशत की जगह अब आठ प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज मिलेगा. किसान विकास पत्र पर अब 7.7 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा और अब यह 112 सप्ताह में परिपक्व हो जाएगा.

सुकन्या समृद्धि खातों के लिए संशोधित ब्याज दर 8.5 प्रतिशत होगी. एक से तीन साल की सावधि जमा पर ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.