अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर दुनियाभर के बाजार पर देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां बाजार टुट रहे हैं, वहीं सुरक्षित निवेश की चाह में निवेशकों ने अपना रुख सोने की तरफ मोड़ लिया है. नतीजतन, सोने के दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. लेकिन आम निवेशक सोने में निवेश को लेकर हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है. क्योंकि भारत में लोगों का रुझान सोने में तो है, मगर सोने के गहनों में, न कि बॉन्ड या गोल्ड के अन्य रूपों में. 

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म्यूचुअल फंड हेल्पलाइन में आज सोने में निवेश पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं. 

सोने में तेजी की वजह-

- अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का असर

- सुरक्षित निवेश के लिए सोने में बढ़ रहा निवेश

- डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी भी वजह

- वैश्विक वजहों से सोने में बनी है तेजी 

निवेश के लिए सोना कैसा-

- सोने में निवेश का मतलब गहने खरीदना नहीं है

- फाइनेंशियल असेट के तौर पर खरीदना है निवेश

- गोल्ड MF या गोल्ड ETF निवेश के हैं विकल्प

- फिजिकल गोल्ड निवेश का अच्छा विकल्प नहीं 

फिजिकल गोल्ड

फिजीकल गोल्ड में सोने से बने गहने, सोने के सिक्के, सोने की ईंट/बिस्किट और गोल्ड सेविंग्स स्कीम्स आती हैं. 

पेपर गोल्ड

गोल्ड ETF पेपर गोल्ड कहलाता है. इनमें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड भी शामिल हैं. 

सोने में निवेश कितना सुरक्षित-

- सोना आप किस रूप में खरीद रहे हैं, इस पर सुरक्षा निर्भर करती है.

- सोने के गहने/क्वॉइन के लिए सुरक्षा का इंतजाम जरूरी है.

- गोल्ड बॉन्ड्स, गोल्ड ETF जैसे विकल्प ज्यादा सुरक्षित.

- पेपर फॉर्म गोल्ड में प्रबंधन का खर्च भी बहुत कम है.

- लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए पेपर गोल्ड खरीदना सही.

फिजिकल गोल्ड

सर्टिफाइड गोल्ड बार खरीदना बेहतर. गोल्ड बार को सुरक्षित जगह रखना होगा. क्योंकि चोरी होने का खतरा बना रहता है. यही हाल गोल्ड ज्वैलरी के साथ है. सोने के गहनों का प्रबंधन करना काफी खर्चीला होता है. गहनों की सुरक्षा करने की चिंता भी बनी रहती है. सोने के गहनों पर मेकिंग जार्जेज़ भी देने होंगे  

गोल्ड म्यूचुअल फंड

- यह भी एक तरह का म्यूचुअल फंड है.

- इसमें निवेशकों का पैसा सोने में लगता है.

- फंड मैनेजर रखते हैं निवेशकों की रकम का ध्यान.

- बाजार के हालात का असर फंड के रिटर्न पर पड़ता है.

- जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर निवेश करें.

गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश

- बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव, निवेश का सही समय

- गोल्ड फंड को हेज फंड की तरह इस्तेमाल करें

- पोर्टफोलियो में गोल्ड फंड को शामिल करना चाहिए

- पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन से मिलता है फायदा

कौन देगा ज्यादा फायदा?

- गहने खरीदना निवेश नहीं माना जाता है.

- गहनों के मुकाबले गोल्ड फंड्स ज्यादा सुरक्षित हैं.

- निवेश की रकम का फंड मैनेजर्स ख्याल रखते हैं.

- गहनों में सोने की शुद्धता पर सवाल बना रहता है.

- गहने पुराने होने पर कीमत कम होती है.

 

गोल्ड ETF

- गोल्ड ETF यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स

- शेयरों की तरह ही कर सकते हैं निवेश 

- गोल्ड ETF की कीमत सोने के दाम पर निर्भर

- निवेश के लिए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट जरूरी

- एकमुश्त या नियमित अंतराल पर लगा सकते हैं पैसा

गोल्ड ETF से रिटर्न

- पिछले एक साल में गोल्ड ETF ने दिया है 28% का औसत रिटर्न.

- मार्केट में उतार-चढ़ाव और कमजोर रुपए बने वजह.

- गोल्ड ETF का 10 साल का औसत रिटर्न 8.12% है.

गोल्ड बॉन्ड में निवेश

- सरकार की ओर से किए जाते हैं जारी

- भारतीय रिजर्व बैंक इन्हें करता है जारी

- गोल्ड बॉन्ड में 8 साल के लिए निवेश

- पांचवें, छठे, सातवें वर्ष में निकल सकते हैं

- कोई भी व्यक्ति, HUF, ट्रस्ट खरीद सकते हैं

- यूनिवर्सिटी, धर्मार्थ संस्थाएं भी ले सकती हैं

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कौन-सा विकल्प अच्छा-

- गोल्ड ETF, गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना है बेहतर

- पेपर फॉर्म में सोने की सुरक्षा की चिंता नहीं रहती है

- सोने को स्टोर करने का झंझट भी नहीं रहता

- सोने के गहने में प्रबंधन खर्च बहुत ज्यादा आता है

- गोल्ड ETF या गोल्ड MF में खर्च बहुत कम है