पिछले 6 महीने से सोने में जोरदार तेजी का रुख है और पिछले सोने की कीमत 34,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा पहुंची. उच्चतम स्तर से सोने में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन फिर भी सोना पिछले 6 महीने में 10 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि कीमतें में तेजी का सिलसिला क्या आगे बना रहेगा. माना जाता है कि जब डॉलर में कमजोरी का रुख हो और कमोडिटी मार्केट का आउटलुक बेहतर हो, तो सोने में सबसे अधिक तेजी आती है.

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आने वाले समय में सोने की कीमत निर्धारित करने में इसी फैक्टर की सबसे बड़ी भूमिका होगी. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और शेयर बाजार का प्रदर्शन भी सोने की कीमत को प्रभावित करेगा. फरवरी महीने की शुरुआत तक सोने में जोरदार तेजी देखने को मिली, हालांकि इसके बाद कीमतें थोड़ी घट गईं. कुल मिलकर देखें तो सोने को लेकर ट्रेंड मजबूत हैं.

इसके अलावा अगर सोने के साथ चांदी भी महंगी हो रही है, तो इस ट्रेंड का मतलब है कि ये तेजी टिकाऊ होगी. यानी सोने के रुख में जारी तेजी फिलहाल बनी रहेगी. अगर सोने के साथ चांदी में तेजी नहीं है, तो थोड़ा सावधानी से ट्रेड करने की जरूरत है.

अगर शेयर बाजार में तेजी है और बेहतर रिटर्न मिल रहा है, निवेशक सोने की ओर कम आकर्षित होंगे. लेकिन अगर सोने को लेकर मजबूत ट्रेंड है और शेयर बाजार में कमजोरी का रुख है, तो सोने को अतिरिक्त समर्थन मिलेगा.